प्रयागराज न्यूज : बाहुबली छात्र नेता अभिषेक उर्फ माइकल जिलाबदर, पुराने मुकदमे में चला गया जेल

बाहुबली छात्र नेता अभिषेक उर्फ माइकल जिलाबदर, पुराने मुकदमे में चला गया जेल
UPT | अभिषेक उर्फ माइकल

Mar 13, 2024 01:05

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व महामंत्री अभिषेक सिंह माइकल ने जिलाबदर होने के बाद जेल में रहना ज़्यादा मुनासिब समझा। अभिषेक सिंह माइकल को प्रयागराज की कमिश्नरेट कोर्ट ने 6 महीने...

Mar 13, 2024 01:05

Short Highlights
  • अभिषेक सिंह पर हाल ही में हुई थी गुंडा एक्ट की कार्रवाई।
  • बिहार के कैमूर जिले के भभुवा सीकरी का रहने वाला है अभिषेक।
प्रयागराज न्यूज : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व महामंत्री अभिषेक सिंह माइकल ने जिलाबदर होने के बाद जेल में रहना ज़्यादा मुनासिब समझा। अभिषेक सिंह माइकल को प्रयागराज की कमिश्नरेट कोर्ट ने 6 महीने के लिए जिलाबदर किया था। इस अवधि में वह प्रयागराज की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था। जिलाबदर का नोटिस पुलिस ने उसके सलोरी वाले घर पर भेजा, लेकिन रिसीव अभिषेक सिंह ने नहीं किया, बल्कि किसी दूसरे ने नोटिस लिया था। नोटिस तामील कराने के बाद पुलिस ने उसके घर के पास अभिषेक सिंह को जिलाबदर करने की मुनादी कराई थी और ढोल पिटवाकर इसकी जानकारी पूरे इलाके को दी थी। लेकिन, जिलाबदर होने से बेहतर अभिषेक सिंह माइकल ने जेल जाना बेहतर समझा और 2018 के मुकदमे में ज़मानत तुड़वाकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का बाहुबली छात्र नेता था माइकल
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति में अभिषेक सिंह माइकल बाहुबली नेता के रूप पहचान जाता था। अभिषेक बिहार के कैमूर जिले के भभुवा सीकरी का रहने वाला है। यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति के दौरान इसने प्रयागराज के सलोरी में घर बनवाया और यहीं पर रहने लगा। अभिषेक सिंह माइकल पर मारपीट, धमकी, जानलेवा हमले और रंगदारी के 18 मुकदमे दर्ज हैं। उसने साल 2012 में महामंत्री पद पर चुनाव लड़ा था और इसी चुनावी रंजिश में इसने छात्र नेता अभिषेक सिंह सोनू को गोली मारी थी। वारदात के बाद अभिषेक गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में रहते हुए इसने छात्र संघ चुनाव में महामंत्री के पद पर जीत हासिल की थी। हालांकि उसको कोर्ट से इसी मामले में 10 साल की सज़ा हुई थी। बाद में वो ज़मानत पर जेल से बाहर आ गया था।

कमिश्नरेट कोर्ट ने अभिषेक को किया था तड़ीपार
अभिषेक पर गुंडाएक्ट के तहत कार्रवाई अभी हाल ही में कमिश्नरेट कोर्ट से हुई थी। कमिश्नरेट कोर्ट ने उसकी गुंडा एक्ट की फ़ाइल खोली और उसके अपराधों की फेहरिश्त से उसको 6 महीने तक जिलाबदर कर दिया था। यानी 6 महीने तक अभिषेक प्रयागराज की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था। लेकिन, अभिषेक जिलाबदर होने की बजाए जेल चला गया। वह चाहता तो जेल न जाकर प्रयागराज के बाहर ही 6 महीना काट सकता था, लेकिन उसने पुराने मामले में ज़मानत तुड़वाकर सरेंडर करके जेल क्यों गया। इसके पीछे क्या वजह है, इसकी भी जांच की जा रही है।

जेल से आपराधिक गतिविधियों ने शामिल होने का शक
जिलाबदर होने से अभिषेक सिंह माइकल की आपराधिक गतिविधियां बन्द हो जाती। लेकिन, अब संभावना जताई जा रही कि अभिषेक जेल में रहते हुए अपनी आपराधिक गतिविधियों को बाखूबी चला सकता है। इसीलिए उसने जेल जाना बेहतर समझा। अभिषेक सिंह माइकल के काफी समर्थक जेल में उससे मिलने भी गए थे। चुनाव भी आने वाला है, लिहाजा पुलिस भी जेल के बाहर उसके समर्थकों पर नज़र रख रही है।

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