विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 के मेले से पहले अब देश में सनातन बोर्ड के गठन की मांग उठने लगी है।
प्रयागराज महाकुंभ : संतों ने उठाई सनातन बोर्ड के गठन की मांग, गैर सनातनी मेला में प्रवेश वर्जित पर बोले यह...
Nov 22, 2024 00:21
Nov 22, 2024 00:21
- जनवरी 2025 में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन को लेकर चर्चा होगी
- मेला क्षेत्र में खाने पीने की चीजें गैर हिंदू नहीं बेचेंगे बाकी वो मेले में आए कोई दिक्कत नहीं
- रविंद्र पूरी ने कड़े शब्दों में कहा कि अगर सनातन बोर्ड नहीं बनेगा तो वक़्फ़ बोर्ड भी नहीं रहेगा
अखाड़ों का भूमि पूजन
महाकुंभ की तैयारियों के तहत प्रयागराज में मेला क्षेत्र में विभिन्न अखाड़ों को आवंटित भूमि पर भूमि पूजन का सिलसिला जारी है। बुधवार को पांच अखाड़ों के भूमि पूजन के बाद गुरुवार को उदासीन परंपरा के तहत दो प्रमुख अखाड़ों श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन और श्री पंचायती नया उदासीन ने भी भूमि पूजन किया। इस अवसर पर साधु-संतों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रार्थना की और मेले के सफल आयोजन की कामना की। यह भूमि पूजन महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत मानी जा रही है।
मेला क्षेत्र में गैर-सनातनियों की एंट्री पर रोक
रविंद्र पुरी ने मेला क्षेत्र में गैर-सनातनियों की एंट्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि हिंदू कब तक सहेंगे? पहले प्रसाद में मिलावट की गई। हमारा कहना है कि मेला क्षेत्र में खाने-पीने की चीजें गैर-हिंदू नहीं बेचेंगे। बाकी लोग मेले में आएं, इसमें कोई दिक्कत नहीं। हमारा उद्देश्य प्रयागराज के महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाना है। जनवरी 2025 में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सनातन बोर्ड के गठन को लेकर व्यापक चर्चा की जाएगी। इस धर्म संसद में न केवल साधु-संतों की चिंताएं सुनी जाएंगी, बल्कि आगामी चुनावों और धार्मिक मुद्दों पर भी रणनीतियां बनाई जाएंगी।
सनातन बोर्ड का गठन साधु-संतों की मांग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने भूमि पूजन के दौरान कहा कि हमने यही कामना की है कि जो सनातन की रक्षा करेगा वही पार्टी देश में आएगी। अगर हमसे पूछा जाए कि हिंदू काल कब से शुरू हुआ तो हम कहेंगे 2014 से जब से मोदी प्रधानमंत्री बने। यही समय है सनातन बोर्ड के गठन का। अगर अब नहीं बना तो कभी नहीं बनेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महाकुंभ में धर्म संसद के दौरान इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा की जाएगी। रविंद्र पुरी ने कहा कि अगर सनातन बोर्ड नहीं बनेगा तो वक्फ बोर्ड भी नहीं रहेगा। अगर हम इस देश में रहेंगे तो दोनों रहेंगे नहीं तो कोई भी बोर्ड नहीं रहेगा।
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