महाकुंभ के सबसे खास आकर्षणों में से एक लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही डोम सिटी, गंगा के किनारे सोमेश्वर महादेव मंदिर के नीचे ढाई एकड़ क्षेत्र में बनाई जा रही है
महाकुंभ 2025 : गंगा किनारे बन रही सुपर लग्जरी डोम सिटी, 80 हजार से किराया शुरू, शांति और ध्यान के लिए खास जगह
Dec 24, 2024 15:46
Dec 24, 2024 15:46
डोम सिटी : ऊंचाई से देखिए महाकुंभ का अद्भुत नजारा
डोम सिटी की सबसे खास बात यह है कि इसे ज़मीन से 15 फीट की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है, जहां से पर्यटक महाकुंभ का आध्यात्मिक और आलौकिक नजारा देख सकेंगे। इस सिटी में कुल 44 ट्रांसपेरेंट डोम बनाए जा रहे हैं। इन डोम को लकड़ी के मजबूत डेक पर स्थापित किया गया है। डोम का डिज़ाइन ऐसा है कि यह गर्मी और सर्दी दोनों के अनुकूल रहेगा। डोम के अंदरूनी हिस्से में पर्दे के रूप में एक खास कवर लगाया गया है, जिसे आवश्यकता के अनुसार खोला या बंद किया जा सकता है। हर डोम में एक अटैच मिनी डोम वाशरूम की सुविधा होगी। यह डोम सिटी किसी 7-स्टार होटल का मुकाबला करती है और महाकुंभ के दौरान लग्जरी स्टे का सबसे बड़ा विकल्प होगी।
अनूठी सुविधाएं और डिजाइन
डोम सिटी का गंगा किनारे अपना निजी घाट होगा। यहां योग, मेडिटेशन, गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा हर डोम के नीचे चार वुडेन रूम बनाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर डोम सिटी में 176 वुडेन रूम होंगे। बड़े समूहों के लिए विला और लक्जरी वुडेन कॉटेज भी तैयार किए जा रहे हैं। यह सिटी पर्यटकों को सुरक्षा और लक्जरी का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगी।
डोम टेंट की कीमत और बुकिंग
डोम सिटी, पूरे महाकुंभ क्षेत्र में सबसे महंगा रेसिडेंशियल स्पेस है। यहां एक रात ठहरने का खर्च 80,000 रुपये से लेकर 1,20,000 रुपये तक होगा। इसके अलावा, बुकिंग के लिए कम से कम तीन दिन का पैकेज अनिवार्य है। भले ही डोम सिटी का किराया अधिक हो, लेकिन इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 60% बुकिंग पहले ही हो चुकी है। आमतौर पर 50 करोड़ रुपये में एक होटल तैयार होता है, लेकिन इतनी ही लागत में केवल 45 दिनों के लिए यह सुपर-लक्जरी सिटी बनाई जा रही है।
डोम सिटी आध्यात्मिकता और विलासिता का संगम
डोम सिटी के निर्माण का उद्देश्य पर्यटकों को महाकुंभ के दौरान एक ऐसा अनुभव प्रदान करना है, जो कहीं और न मिल सके। यह जगह महाकुंभ के प्रति लोगों की आस्था और आकर्षण को और बढ़ा रही है।
क्या है खासियत
- ऊंचाई पर बने डोम: गंगा के किनारे 15 फीट ऊंचाई पर बने ट्रांसपेरेंट डोम।
- 176 वुडेन रूम और विला: प्रत्येक डोम के नीचे 4 वुडेन रूम, विला और कॉटेज।
- निजी घाट गंगा तट पर डोम सिटी का अपना घाट।
- आध्यात्मिक शांति और साधना के लिए विशेष स्थान।
- संगीत और सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन।
- अटैच वाशरूम, तापमान नियंत्रण और कस्टमाइज्ड पर्दे।
Also Read
25 Dec 2024 06:44 PM
प्रतापगढ के राजकीय इंटर कालेज में बुधवार को भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेई के जन्म दिवस एवं सुशासन दिवस के अवसर पर... और पढ़ें