परंपराओं में कई धार्मिक परिक्रमा यात्रा भी शामिल हैं, जिनका आयोजन समय-समय पर किया जाता था, लेकिन कुछ समय बाद ये परंपराएं थम सी गई थीं...
महाकुंभ 2025 : प्रयागराज में पांच दिवसीय द्वादश माधव परिक्रमा यात्रा शुरू, इस दिन होगा समापन
Nov 11, 2024 20:41
Nov 11, 2024 20:41
- पांच दिवसीय परिक्रमा यात्रा शुरू
- श्री चक्र माधव में होगा समापन
- 12 करोड़ की लागत से हो रहा है कायाकल्प
श्री द्वादश माधव की परिक्रमा यात्रा शुरू
बता दें कि प्रयागराज पौराणिक मंदिरों का शहर है । इन मंदिरों में भी द्वादश माधव कुम्भ नगरी की आध्यात्मिक पहचान है। इन्हीं द्वादश माधव में एक श्री वेणी माधव को प्रयाग के नगर देवता के रूप में जाना जाता है। इस पहचान को स्थापित करने के लिए देवोत्थान एकादशी से द्वादश माधव परिक्रमा की शुरुआत की गई। प्रयागराज के अनंत माधव के पौराणिक मंदिर से इसकी शुरुआत हुई जिसमें विभिन्न माधवों के प्रमुख और अखाड़ों के संत शामिल हुए।
श्री चक्र माधव अरैल में होगा समापन
श्री अनंत माधव के महंत आदित्या नन्द जी का कहना है कि श्री अनंत माधव से शुरू हुई यह परिक्रमा यात्रा विभिन्न माधव होते है श्री चक्र माधव अरैल में समापन होगा । इस पांच दिवसीय यात्रा में सभी द्वादश माधव के मंदिरों में अनुष्ठान और आरती का आयोजन किया जायेगा। परिक्रमा यात्रा में शामिल हुए अग्नि अखाड़े के संत और मंदिर व्यवस्थापक महंत बीरेंद्रानंद ने बताया कि लंबे समय से यह परिक्रमा यात्रा बंद पड़ी थी लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद जैसे औरंगजेब के जमाने से बंद पड़ी प्रयागराज की पंच कोशी परिक्रमा की शुरुआत हुई वैसे ही उन्हीं की प्रेरणा से द्वादश माधव परिक्रमा यात्रा भी आरंभ हुई है।
प्राचीन मंदिरों का हो रहा कायाकल्प
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र कुंभ क्षेत्र के अलावा प्रयागराज के प्राचीन मंदिर भी हैं जिनके साथ यहां की पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है। मंदिरों के इस समूह में द्वादश माधव मंदिर समूह सर्वप्रथम है जिनकी मूल संरचना को संरक्षित रखते हुए उनका कायाकल्प का कार्य किया जा रहा है। कुल 12.34 करोड़ की लागत से इन प्राचीन पौराणिक मंदिरों को नव्य स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
22 लाख के सहयोग से हो रहा सौंदर्यीकरण
श्री चक्र माधव के प्रमुख महंत अवधेश दास जी महराज ने बताया कि द्वादश माधव के हर मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 22 लाख से अधिक का सहयोग यूपी सरकार से मिला है। मंदिरों में थीम पर आधारित प्रवेश द्वार, म्यूरल्स, सत्संग भवन, फ्लोरिंग, पेय जल की व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और ग्रीनरी का विकास किया गया है। जिससे जर्जर हो चुके प्राचीन महत्वपूर्ण मंदिर अब अपने भव्य स्वरूप में आ गए हैं।
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