2025 के प्रयाग महाकुंभ में चौथी सनातन धर्म संसद का नेतृत्व सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज करेंगे। इस धर्म संसद में 13 अखाड़ों के प्रमुख, शंकराचार्य, संत, कथाकार, धर्माचार्य और विद्वान शामिल होंगे।
Prayagraj News : सनातन धर्म के संरक्षण और सनातनियों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से 27 जनवरी 2025 को प्रयाग महाकुंभ में चौथी सनातन धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज करेंगे। धर्म संसद में सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख, जगद्गुरु शंकराचार्य, प्रमुख संत, कथाकार, धर्माचार्य और विद्वतजन भाग लेंगे।
सनातन बोर्ड का गठन प्रमुख एजेंडा
इस धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य सनातन बोर्ड का गठन करना है, जो सनातनियों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा और धर्म से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाने का माध्यम बनेगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना, मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण खत्म करना, वक्फ बोर्ड के असंवैधानिक अधिकारों पर सवाल उठाना, और तिरुपति प्रसाद में मिलावट के दोषियों को सजा दिलाना जैसे विषय चर्चा के केंद्र में होंगे।
तीसरी धर्म संसद में मिली थी सहमति
पिछले वर्ष 16 नवंबर 2024 को दिल्ली में आयोजित तीसरी धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन पर सहमति बनी थी। इसमें जगद्गुरु शंकराचार्य और वरिष्ठ संतों ने भाग लिया था। उस दौरान देवकीनंदन जी ने संतों और धर्माचार्यों से बोर्ड के प्रारूप पर सुझाव मांगे थे, 20 जनवरी तक सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे इस बार की धर्म संसद से पहले 20 जनवरी 2025 तक संतों और धर्माचार्यों के शिविरों में जाकर सुझाव लिए जाएंगे। प्रयाग महाकुंभ में सनातन न्यास फाउंडेशन की टीम ने संतों और धर्माचार्यों को निमंत्रण भेजा है।
सनातन धर्म संसद में उठाए जाएंगे ये प्रमुख मुद्दे
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि का अतिक्रमण मुक्त निर्माण। तिरुपति प्रसाद में मिलावट करने वालों को कड़ी सजा। मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण खत्म करना। वक्फ बोर्ड के असंवैधानिक अधिकारों पर चर्चा।बांग्लादेश और अन्य देशों में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार। जनसंख्या नियंत्रण कानून। देवी-देवताओं के अपमान और ईशनिंदा के खिलाफ कानून। लिव-इन रिलेशनशिप पर कड़ा रुख।
राजनीतिक पार्टियों से समर्थन की अपील
सनातन न्यास फाउंडेशन ने पिछले वर्ष देश की 36 राजनीतिक पार्टियों को सनातन बोर्ड के समर्थन में पत्र लिखा था। हालांकि, इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। धर्म संसद में एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
देवकीनंदन महाराज ने कहा
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा, अगर हमें अपने सनातन धर्म को बचाना है, तो सभी सनातनियों को एकजुट होकर काम करना होगा। आज पूजा-पाठ में जो कठिनाइयां आ रही हैं, उन्हें दूर करने के लिए एक मजबूत और प्रभावी मंच की जरूरत है। सनातन बोर्ड का गठन इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बोर्ड की स्थापना करते हैं, तो भारत को सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों पर चलने वाला राष्ट्र बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम स्थल और समय
चौथी सनातन धर्म संसद 27 जनवरी 2025 को दोपहर 12:30 बजे, प्रयाग महाकुंभ, सेक्टर 17, संगम लोअर मार्ग (पश्चिमी पटरी) पर आयोजित होगी। यह धर्म संसद सनातन धर्म के व्यापक उद्देश्यों को लेकर महत्वपूर्ण पहल होगी, जहां संतों और धर्माचार्यों के सुझावों के आधार पर सनातन बोर्ड का प्रारूप तैयार होगा।