प्रयागराज महाकुंभ 2025 : एप्पल सह-संस्थापक की पत्नी लॉरेन पावेल जॉब्स की आध्यात्मिक यात्रा, गंगा स्नान से भारतीय संस्कृति को सलाम

एप्पल सह-संस्थापक की पत्नी लॉरेन पावेल जॉब्स की आध्यात्मिक यात्रा, गंगा स्नान से भारतीय संस्कृति को सलाम
UPT | लॉरेन पावेल जॉब्स पेशवाई के दौरान रथ पर

Jan 11, 2025 09:59

महाकुंभ में इस बार की सबसे खास बात यह है कि एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक, लॉरेन पावेल जॉब्स उर्फ कमला, महाकुंभ में शामिल हो रही हैं।

Jan 11, 2025 09:59

Short Highlights

 एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक

लॉरेन पावेल जॉब्स स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की पेशवाई में शामिल हुईं।

उन्होंने गेरूए वस्त्र धारण कर अपने आध्यात्मिक सफर की शुरुआत की।

Prayagraj News : महाकुंभ का आयोजन न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक बन गया है। इस ऐतिहासिक आयोजन ने हमेशा देश-विदेश के प्रभावशाली व्यक्तित्वों को अपनी ओर आकर्षित किया है। इस बार की सबसे खास बात यह है कि एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक, लॉरेन पावेल जॉब्स उर्फ कमला, महाकुंभ में शामिल हो रही हैं।

स्वामी कैलाशानंद गिरि की पेशवाई में हुईं शामिल
लॉरेन पावेल जॉब्स स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की पेशवाई में शामिल हुईं। उन्होंने गेरूए वस्त्र धारण कर अपने आध्यात्मिक सफर की शुरुआत की। उनके इस कदम को आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा और आकर्षण के रूप में देखा जा रहा है।


आध्यात्मिक खोज के लिए 10 दिनों का शिविर
लॉरेन पावेल ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के तहत श्रीनिरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज के शिविर में लगभग 10 दिनों तक रुकने का निर्णय लिया है। यह शिविर न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र है बल्कि सनातन संस्कृति की गहराई को समझने का भी एक माध्यम है।

मकर संक्रांति पर गंगा में अमृत स्नान
लॉरेन पावेल मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में अमृत स्नान करेंगी। गंगा स्नान को सनातन धर्म में पवित्रता, शुद्धिकरण और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। लॉरेन के इस कदम को वैश्विक स्तर पर भारतीय परंपराओं और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

 वैश्विक आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति का संगम
लॉरेन पावेल जॉब्स का महाकुंभ में आना यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता ने विश्वभर में गहरी छाप छोड़ी है। यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि भारतीय संस्कृति के प्रति वैश्विक आकर्षण और उसकी प्राचीन परंपराओं की पहचान को उजागर करती है।
 

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