तीर्थराज प्रयाग की पावन धरती पर महाकुंभ 2025 का शुभारंभ अत्यंत भव्यता और दिव्यता के साथ हुआ। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस आयोजन का नेतृत्व करते हुए परमार्थ निकेतन शिविर का शुभारंभ किया।
महाकुंभ 2025 का भव्य शुभारंभ : स्वामी चिदानन्द सरस्वती तीर्थराज प्रयाग पहुंचे, परमार्थ निकेतन शिविर का किया उद्घाटन
Jan 10, 2025 17:18
Jan 10, 2025 17:18
दिव्य वेदमंत्रों और महायज्ञ से शिविर का शुभारंभ
शिविर का प्रारंभ वेदमंत्रों की दिव्य गूंज, विशेष पूजन और महायज्ञ के साथ हुआ। महाकुंभ के इस अवसर पर यह आयोजन आस्था, संस्कार और पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ किया गया है। परमार्थ निकेतन शिविर की सबसे बड़ी विशेषता इसका प्लास्टिक मुक्त और इको-फ्रेंडली होना है, जो स्वच्छता और हरित जीवन का संदेश देता है।
परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में भारत दर्शनम्
परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, इस आयोजन का एक अन्य मुख्य आकर्षण है, जहां श्रद्धालु भारत की प्राचीन संस्कृति, परंपराओं और गौरवमयी इतिहास का अनुभव करेंगे। यहाँ ‘भारत दर्शनम्’ के माध्यम से भारतीय सभ्यता की अद्वितीय झलक प्रस्तुत की जाएगी।
विशेष आयोजनों का शेड्यूल
महाकुंभ 2025 के तहत परमार्थ निकेतन शिविर में कई विशेष आयोजन होंगे, जिनमें शामिल हैं
13 जनवरी: पौष पूर्णिमा स्नान
14 जनवरी: मकर संक्रांति शाही स्नान
26 जनवरी: पूज्य संत मोरारी बापू जी के श्रीमुख से दिव्य श्रीराम कथा
27 जनवरी 31 जनवरी: पूज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के सान्निध्य में विशेष कार्यक्रम
29 जनवरी: मौनी अमावस्या शाही स्नान
1 फरवरी 5 फरवरी: प्राणायाम कार्यशाला
3 फरवरी: बसंत पंचमी शाही स्नान
3 फरवरी से 12 फरवरी: संत मुरलीधर जी के श्रीमुख से दिव्य श्रीराम कथा
4 फरवरी - 6 फरवरी: लिटरेचर और सोशल मीडिया महाकुंभ
7 फरवरी - 9 फरवरी: जी-100 नारी सम्मेलन और विद्वत महाकुंभ
14 फरवरी से 16 फरवरी: हिन्दी साहित्य महाकुंभ 26 फरवरी महाशिवरात्रि स्नान
दिव्य संगम आरती और पर्यावरणीय संदेश
शिविर में प्रतिदिन स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, और विश्वभर से आए संतों के सान्निध्य में दिव्य संगम आरती का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी प्रसारित किया जा रहा है।
विश्व हिन्दी दिवस पर विशेष संदेश
आज विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने हिन्दी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हिन्दी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और एकता का प्रतीक है। हिन्दी हमें हमारी जड़ों, विरासत और मूल्यों से जोड़ती है। इसे अपनाकर हम न केवल भारतीय संस्कृति को सहेज सकते हैं, बल्कि पूरी दुनिया में शांति और एकता का संदेश भी फैला सकते हैं।"
परमार्थ निकेतन परिवार का भावपूर्ण आमंत्रण
परमार्थ निकेतन परिवार ने सभी श्रद्धालुओं को महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल प्रयागराज, और परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में सादर आमंत्रित किया। यह आयोजन श्रद्धा, समर्पण, और आस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर है।
“आइए, इस महाकुंभ का हिस्सा बनें और संगम में समर्पण, आस्था और दिव्यता की डुबकी लगाएं। इस आयोजन के माध्यम से हम सभी मिलकर सनातन संस्कृति और भारतीयता की महिमा को पुनः प्रकट करेंगे।”
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