मानवाधिकारों के सबसे मुखर पैरोकार और पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि किरण जैन के निधन की जानकारी होने पर शुभचिंतकों, अधिवक्ताओं और शहर के प्रबुद्ध लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
Prayagraj News : मानवाधिकार आंदोलन के अगुआ और अधिवक्ता रवि किरण जैन का निधन, इन्होंने जताया शोक
Dec 31, 2024 00:55
Dec 31, 2024 00:55
मानवाधिकारों के सबसे मुखर पैरोकार और पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि किरण जैन के निधन की जानकारी होने पर शुभचिंतकों, अधिवक्ताओं और शहर के प्रबुद्ध लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। गरीबों मजलूमों के हक के लिए व भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता जैन के निधन से अधिवक्ताओं में गहरा शोक छा गया। उनकी अंतिम यात्रा में वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, पूर्व न्यायमूर्ति रणविजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश त्रिवेदी, के के राय, वरिष्ठ अधिवक्ता वजाहत हुसैन खान, वरिष्ठ अधिवक्ता इमरानुल्लाह , वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान अहमद नकवी, विनोद चंद्र दूबे, पूर्व छात्र नेता ऋचा सिंह, नेहा यादव आदि भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
योगेंद्र यादव ने जताया शोक
समाजसेवी योगेंद्र यादव ने शोक जताते हुए एक्स पर लिखा कि अलविदा, रवि किरण जैन जी। समाजवादी आंदोलन को आपका सहारा मिला, न्याय और समता के हर संघर्ष को आपका साथ मिला। आपने मानवाधिकारों की वकालत की। नमन!
अलविदा, रवि किरण जैन जी।
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 30, 2024
समाजवादी आंदोलन को आपका सहारा मिला, न्याय और समता के हर संघर्ष को आपका साथ मिला। आपने मानवाधिकारों की वकालत की।
नमन! https://t.co/yhhwNRW6Y6
इन्होंने दी श्रद्धांजलि
प्रयागराज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एन के चटर्जी, आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सभाजीत सिंह, सचिव पीयूष त्रिपाठी,वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूजा मिश्रा, जूनियर लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एम के तिवारी व सचिव जी पी सिंह,यंग लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष त्रिपाठी, सचिव जे बी सिंह, उपाध्यक्ष भानु देव पांडेय, आर पी तिवारी, सहित विभिन्न संगठनों ने शोक श्रद्धांजलि अर्पित की।
1972 में शुरू की थी वकालत
स्व. जैन के निकटतम शिष्य अधिवक्ता के के राय ने बताया कि सहारनपुर के व्यवसायी परिवार में जन्मे वरिष्ठ अधिवक्ता जैन ने छात्र जीवन में समाजवादी आंदोलन से जुड़े और छात्र संघ के अध्यक्ष बने। 1972 में सहारनपुर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। पीयूसीएल संस्था के अध्यक्ष बने और मानवाधिकारों व मजलूमों के हक़ के लिए पीआईएल के माध्यम से न्याय दिलाने में लगे रहे।
उत्तराखंड आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर रामपुर तिराहा बर्बर कांड की जांच सीबीआई को सौंपने व मुआवजा दिलाने के लिए जनहित याचिका दायर कर न्याय दिलाने में मदद की। प्रदेश में मानवाधिकार आयोग का याचिका के माध्यम से गठन कराया । पुलिस हिरासत में मौत, फर्जी मुठभेड़, 14 साल से अधिक समय से बंद कैदियों की रिहाई, भ्रष्टाचार व जजों में भाई भतीजावाद के खिलाफ संघर्ष किया। 22 जजों का किथ एंड किन के आधार पर तबादला हुआ। स्व. जैन ने प्रदेश की आबादी के हिसाब से हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाने का संघर्ष किया। शुआटस के खिलाफ 11 फर्जी पीआईएल कर एक लाख रुपये हर्जाने की वसूली की याचिका दायर की तो जनहित याचिकाओं के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
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