भाईचारे का प्रतीक होली का त्यौहार भारतवासियों के लिए सनातन धर्म में खास त्यौहार माना गया है। संगम नगरी प्रयागराज में किन्नर समाज ने होली खेली। इसमें गुलाब की पंखुड़ियां, फूल, रंग...
Prayagraj News : किन्नर समाज ने खेली होली, अखाड़े की महामंडलेश्वर ने दिया सौहार्द्र का संदेश
Mar 22, 2024 18:12
Mar 22, 2024 18:12
- हम एक समाज में रहते हैं, बाकी लोगों की तरह किन्नर का भी एक समाज है।
- किन्नर समाज में मान्यता के अनुसार सबसे पहले भौचर माई को पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
उत्साहित रहे किन्नर बच्चे
किन्नर समाज में मान्यता है कि सबसे पहले भौचर माई को पुष्प अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद ही किन्नर उस पुष्प के साथ होली खेलते हैं। किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि ने कहा कि किन्नर आश्रम में सभी किन्नर बच्चों ने धूमधाम से होली का त्यौहार मनाया।
इष्ट देवी के चरणों में अर्पित किए अबीर गुलाल
सबसे पहले किन्नर समाज के इष्ट देवी भौचर मां के चरणों में अबीर गुलाल और फूल चढ़ाने के बाद भगवान भोलेनाथ के चरणों में पुष्प अर्पित किया गया। उसके बाद होली खेली गई। होली में सात रंग होते हैं। सभी रंगों का अपना महत्व होता है। हम एक समाज में रहते हैं। बाकी लोगों की तरह किन्नर का भी एक समाज है। इन सात रंगों में से किन्नर का भी एक रंग है। होली का त्यौहार इसलिए मनाया जाता है कि होली से पहले के सभी गिले शिकवे को भूलकर रंग लगाकर एक दूसरे को गले लगाया जाए और सौहार्द्र का संदेश दिया जाए।
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