हाईकोर्ट के अधिवक्ता अलग-अलग गेटों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस बीच बड़ी खबर यह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने रेजोल्यूशन पास कर हाईकोर्ट के...
Prayagraj News : जजों के दुर्व्यवहार से वकील नाराज़, हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी...
Jul 12, 2024 15:02
Jul 12, 2024 15:02
- हड़ताल के बावजूद जो काम करने वाले वकीलों को बार से निष्कासित किया जाएगा।
- वकील अब न्यायमूर्तियों को सर कहेंगे, सम्मान देंगे लेकिन मी लॉर्ड नहीं कहेंगे।
काम करने वाले वकीलों पर सख्ती
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि ऐसे अधिवक्ताओं को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से निष्कासित किया जाएगा, जो हड़ताल के बावजूद अदालती कामकाज कर रहे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि इस बार हड़ताल के लिए जिम्मेदार वकील नहीं, बल्कि खुद न्यायमूर्ति ही हैं। क्योंकि वकीलों को लगातार अदालतों में अपमानित किया जा रहा है। अदालतों में वकीलों को खुलकर बहस करने की आजादी नहीं दी जा रही है। मुकदमों को रिवाइज करने की पुरानी पद्धति भी नहीं अपनाई जा रही है। जिससे वादकारियों को भी सीधे तौर पर नुकसान हो रहा है। इसलिए वकीलों की यह लड़ाई वादकारियों को बचाने के लिए है। जिसके पास न्याय पहुंचना चाहिए। इसके अलावा हाईकोर्ट रूल्स में बदलाव के बिना ही फाइलिंग में रिपोर्टिंग की प्रक्रिया में बदलाव करने और एडवोकेट रोल का डाटा नहीं देने जैसे मुद्दों को लेकर भी वकीलों की नाराजगी है।
देशभर के एसोसिएशनों को चिट्ठी लिखेंगे बार अध्यक्ष
अनिल तिवारी ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर चीफ जस्टिस सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हैं तो वकील काम पर लौटने को तैयार हैं। लेकिन, अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वह आज पूरे देश के बार एसोसिएशनों और बार काउंसिल को पत्र लिखने जा रहे हैं। पत्र लिखकर अनुरोध करेंगे कि इसी आधार पर पूरे देश में सामूहिक आंदोलन की शुरुआत हो। पूरे देश में न्यायमूर्तियों को माई लार्ड कहना बंद हो। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने माई लार्ड कहा तो इसे असंसदीय माना जाएगा। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के रेजोल्यूशन का उल्लंघन करने वाले वकीलों में सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता कुणाल रवि सिंह भी शामिल हैं। जिन्होंने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के रेजोल्यूशन का उल्लंघन किया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन उनकी सदस्यता भी समाप्त करने जा रहा है। उनको ब्लैक लिस्ट भी करेगा। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें संवैधानिक पद से भी हटाए जाने की मांग करेंगे। क्योंकि जो अपने संघ का सम्मान नहीं कर सकता, वह किसी पद का सम्मान नहीं कर सकता है।
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