महाकुंभ में बाबा के रूप में दिखने वाले अभय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह वैराग्य, शून्य और महादेव की बातें करते नजर आए। यह वीडियो उनके मोह-माया से दूर होने और सनातन धर्म के प्रति उनकी गहरी रुचि को दिखाता है।
चर्चा में 'आईआईटी बाबा' : सनातन का हो गया एयरोस्पेस इंजीनियर, भावुक पिता ने कहा- कनाडा से लौटा और फिर....
Jan 16, 2025 13:44
Jan 16, 2025 13:44
कौन हैं आईआईटी बाबा?
अभय सिंह ग्रेवाल हरियाणा के झज्जर जिले के सासरोली गांव के निवासी हैं। वह एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता वकील हैं और वह परिवार के इकलौते बेटे हैं। अभय सिंह ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से एक अच्छी नौकरी हासिल की। कनाडा की कंपनी में काम किया, जहां 36 लाख रुपये सालाना का पैकेज था। कोरोना के दौरान वह भारत लौट आए। अपने करियर और उज्ज्वल भविष्य को छोड़कर उन्होंने अब अध्यात्म को अपनी जिंदगी का लक्ष्य बना लिया है।
पिता की भावुकता
अभय के माता-पिता के लिए यह निर्णय बेहद कठिन है। अभय के पिता कर्ण सिंह जो पेशे से वकील हैं ने कहा कि बेटे का यह फैसला उनके लिए अप्रत्याशित था। उन्हें अभय के अध्यात्म में जाने की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। कर्ण सिंह ने कहा कि उन्हें बेटे के इस फैसले से खुशी नहीं है, लेकिन वह इसके बावजूद इसमें दखल नहीं देंगे। उन्होंने बताया कि अभय उनके साथ कम बातचीत करता था और अध्यात्म में जाने के बारे में परिवार को कोई जानकारी नहीं दी। अभय ने पिछले छह महीनों से परिवार के नंबर भी ब्लॉक कर दिए थे, जिससे उसके ठिकाने की जानकारी मिलना मुश्किल हो गया है।
पड़ोसी ने बताया अचानक नहीं धीरे-धीरे हुआ बदलाव
अभय के पड़ोसी सुभाष जो एक योग शिक्षक हैं ने बताया कि यह बदलाव अचानक नहीं बल्कि धीरे-धीरे हुआ। उन्होंने पहले सद्गुरु को फॉलो किया और उनकी शिक्षाओं से प्रभावित होकर वैराग्य का रास्ता चुना। अपने यूट्यूब चैनल और शॉर्ट फिल्मों के जरिए उन्होंने अपनी सोच और अनुभव साझा किए।
सोशल मीडिया पर वायरल कहानी
महाकुंभ में बाबा के रूप में दिखने वाले अभय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह वैराग्य, शून्य और महादेव की बातें करते नजर आए। यह वीडियो उनके मोह-माया से दूर होने और सनातन धर्म के प्रति उनकी गहरी रुचि को दिखाता है। वीडियो वायरल होते ही उनके जीवन और उनके वैराग्य के निर्णय पर चर्चाएं शुरू हो गईं।
अभय का अध्यात्म की ओर झुकाव
पिता के अनुसार अभय शुरू से ही पढ़ाई में होनहार था। वह हमेशा गंभीर स्वभाव का रहा और अपने जीवन के फैसले खुद लेने का इच्छुक था। उनके मुताबिक IIT में पढ़ाई के दौरान ही अभय ने उज्जैन में आयोजित कुंभ की यात्रा की थी, जहां से उनका अध्यात्म के प्रति झुकाव बढ़ा। कर्ण सिंह ने यह भी कहा कि कनाडा से लौटने के बाद अभय को नैचुरल पैथी चिकित्सालय ले जाया गया, जहां ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षा के बीच उन्होंने अपनी दिशा बदलने का निर्णय लिया।
वैराग्य में खुश हैं अभय
अभय ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने विज्ञान को छोड़कर सनातन धर्म और आध्यात्मिकता की राह अपनाई है। अभय ने अपने वायरल इंटरव्यू में कहा कि वह मोह-माया से मुक्त होकर खुश हैं। उन्हें परिवार या किसी अन्य चीज की चिंता नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य अपने सत्य की खोज करना और खुश रहना है।
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