कुंभ मेला की भूमि देखने जाने के लिए सभी अखाड़ों के संत महात्मा प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय में एकत्रित हुए थे। इस दौरान अखाड़ों के महंतों के बीच कहासुनी हुई और देखते ही देखते उनके बीच मारपीट होने लगी।
वर्चस्व की जंग : अखाड़ों का अखाड़ा बना महाकुंभ मेला कार्यालय, संतों में हुई लात-घूंसों और मुक्कों की बौछार
Nov 07, 2024 16:47
Nov 07, 2024 16:47
पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने माहौल शांत करवाया
साधु-संत एक दूसरे के ऊपर लात-घूंसो और मुक्कों की बौछार करने लगे। साधु-संत एक दूसरे की पिटाई करने लगे, इससे मेला प्राधिकरण कार्यालय अफरातफरी मच गई। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने बीच बचाव कर माहौल शांत करवाया। बाद में पुलिस ने सभी को शांत कराया उसके बाद भी मेला कार्यालय में तनाव का माहौल बना हुआ है।
लात घूंसों और मुक्कों की हुई बौछार
महाकुंभ मेले की शुरुआत से पहले अखाड़ों के बीच वर्चस्व की जंग शुरू हो गई है। प्रयागराज मेला प्रशासन की अखाड़ों के साथ बुलाई गई थी। अखाड़ों के संत-महात्मा प्रयागराज मेला प्राधिकरण के आई ट्रिपल सी सभागार में जुटे थे कि तभी बैठक में अखाड़ों के बीच हुआ विवाद शुरू हो गया। विवाद कुछ देर में इतना बढ़ गया कि अखाड़े के दोनों गुटों के बीच जमकर हाथापाई शुरू हो गई। अखाड़े के साधु-संत एक दूसरे पर लात-घूंसों और मुक्कों की बौछार करने लगे। साधु संतों के बीच हुई मारपीट से मेला प्राधिकरण सभागार में अफरातफरी मच गई। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने बीच बचाव कर माहौल शांत कराया गया।
दो गुटों में बंटा है अखाड़ा परिषद
इस मौके पर महाकुंभ मेला अधिकारी और एसएसपी महाकुंभ मेला की मौजूद थे। हालांकि बवाल के चलते बैठक भी नहीं हो पाई। अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री हरि गिरी हैं जबकि दूसरे गुट के अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री राजेंद्र दास हैं। सितंबर 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के गोलोकवासी होने के बाद अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा हुआ है।
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