एक ओर साधु, संन्यासी और संत ज्ञान और वैराग्य की गंगा बहा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई पीढ़ियों से चली आ रही सनातन परंपराओं के पालनकर्ता श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति के लिए संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं...
महाकुंभ में सनातन का जादू : इंग्लैंड के जैकब बने जय किशन सरस्वती, छोड़ी नौकरी और अपनाया संन्यास
Jan 16, 2025 18:15
Jan 16, 2025 18:15
सनातन की आध्यात्मिक शक्ति से हुए प्रभावित
महाकुम्भ में भारत देश और सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर फ्रांस, इंग्लैण्ड, बेल्जियम, कनाडा, इक्वाडोर, ब्रजील जाने किस-किस देश से पर्यटक प्रयागराज में संगम तट की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। उन्हीं में से एक इंग्लैण्ड के मैनचेस्टर के रहने वाले जैकब, सनातन संस्कृति और उसकी आध्यात्मिक शक्ति से इतने प्रभावित हुए की पूरी तरह से उसके रंग में रंग कर संन्यास तक ग्रहण कर चुके हैं।
भारत के कई धार्मिक स्थलों की यात्रा कर चुके
जैकब ने बताया कि वो लगभग 10 वर्षों से भारत में ही रह रहे हैं। उन्होंने भारत में काशी, हरिद्वार,ऋषिकेष,मथुरा, वृंदावन, उज्जैन समेत पुरी जैसी धार्मिक नगरियों की यात्रा की है। प्रयागराज और यहां के महाकुम्भ में वो पहली बार आये हैं। जैकब ने बताया कि उन्होंने हरिद्वार के महाकुम्भ में जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर उमाकान्तानंद से दीक्षा ले कर संन्यास ग्रहण किया था। तब से वो जय किशन सरस्वती बन गये हैं।
अमृत स्नान जैसी आध्यात्मिक अनुभूति पहले नहीं
जय किशन सरस्वती ने आगे बातचीत में बताया कि उन्होंने इंग्लैण्ड के मैनचेस्टर से बैचलर ऑफ आर्टस की पढ़ाई की है। उसके बाद वो इंग्लैण्ड की क्रियेटिव एजेंसी में काम करते थे। शुरू से ही वो भारत की संस्कृति और यहां की आध्यात्मिकता से प्रभावित थे। उन्होंने भागवत गीता का अध्ययन किया और हिंदी तथा संस्कृत भाषा भी सीखी। 2013 में वो काशी देखने भारत आये थे तब से कुछ साल भारत में ही जगह-जगह भ्रमण करते रहे।
स्वामी उमाकान्तानंद के साथ करते हैं भ्रमण
उन्होंने बताया कि एक समय उनका सनातन संस्कृति के प्रति झुकाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने स्वामी उमाकान्तानंद जी से दीक्षा ग्रहण कर संन्यास अपना लिया। तब से वो स्वामी उमाकान्तानंद जी के साथ ही प्रवास और भ्रमण करते हैं। प्रयागराज के महाकुम्भ में पहली बार उन्होंने जूना अखाड़े के साथ संगम में अमृत स्नान किया। जय किशन सरस्वती का कहना है कि उन्हे जीवन में इससे पहले कभी ऐसी आध्यात्मिक अनुभूति नहीं हुई।
ये भी पढ़ें- महाकुम्भ में स्कूली बच्चों को दिया जा रहा प्रशिक्षण : 600 से ज्यादा छात्र सीख रहे लोककला, अंतरराष्ट्रीय मंच पर करेंगे प्रदर्शन
Also Read
16 Jan 2025 09:10 PM
महाकुंभ में 11 से 16 जनवरी के बीच केवल 6 दिनों में ही 7 करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। गुरुवार को ही 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया... और पढ़ें