Mahakumbh 2025 : बीमार होने के बाद भी इंद्र गिरि महाराज पहुंचे महाकुंभ, ऑक्सीजन सिलेंडर पर हैं निर्भर

बीमार होने के बाद भी इंद्र गिरि महाराज पहुंचे महाकुंभ, ऑक्सीजन सिलेंडर पर हैं निर्भर
UPT | इंद्र गिरि महाराज

Dec 26, 2024 10:43

आह्वान अखाड़े के प्रमुख इंद्र गिरि महाराज इस बार कुंभ में शामिल होने की इच्छा लेकर यहां पहुंचे हैं, हालाँकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। वे ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर हैं फिर भी उनका विश्वास और धार्मिक भावना उन्हें यहां खींच लाई है।

Dec 26, 2024 10:43

Prayagraj News : प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ का उत्साह चरम पर है जिसकी औपचारिक शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इससे पहले ही देशभर के साधु-संत और विभिन्न अखाड़े कुंभ नगरी में पहुंचने लगे हैं। हाल ही में आह्वान अखाड़े के हजारों साधु-संत अपने शिविरों में आ गए जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक महापर्व की भव्यता बढ़ गई। आह्वान अखाड़े के प्रमुख इंद्र गिरि महाराज, जो गंभीर स्वास्थ्य स्थिति में ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर हैं फिर भी इस आयोजन में शामिल हुए। उन्होंने इसे अपनी अंतिम इच्छा बताते हुए कहा कि कुंभ में भाग लेना उनकी परंपरा और धर्म की गहराई को दर्शाता है। इस बार के आयोजन में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। 

ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर है इंद्र गिरि महाराज
आह्वान अखाड़े के प्रमुख इंद्र गिरि महाराज इस बार कुंभ में शामिल होने की इच्छा लेकर यहां पहुंचे हैं, हालाँकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। वे ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर हैं फिर भी उनका विश्वास और धार्मिक भावना उन्हें यहां खींच लाई है। इंद्र गिरि महाराज ने बताया कि उनकी यह अंतिम इच्छा थी कि वे कुंभ में शामिल हों, जो जगद्गुरु शंकराचार्य जी की विरासत है। उन्होंने कहा, "हम नागा फौजी हैं और यह हमारी परंपरा है। जहां कहीं भी महाकुंभ होता है, हम उसमें शामिल होते हैं।"
शंकराचार्य ने शुरू की थी परंपरा
शंकराचार्य ने महाकुंभ की यह परंपरा शुरू की थी और इसके माध्यम से साधु संतों का एकत्र होना एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान बन चुका है। इंद्र गिरि महाराज ने यह भी कहा कि उनके इस यात्रा में कोई विघ्न नहीं आएगा और उन्होंने सभी devotees से शांति और सुख की कामना की। उनका उद्देश्य सिर्फ कुंभ मेले में शांति से भाग लेना है और फिर अपने आश्रम वापस लौटना है।



महीनों से जारी है महाकुंभ की तैयारी
महाकुंभ की तैयारी पिछले कुछ महीनों से जारी है। साधु संतों का आना अभी से प्रारम्भ हो चुका है और सबसे पहले आह्वान अखाड़े के साधु संत गाजे-बाजे के साथ घोड़े और ऊंट पर सवार होकर पहुंचें। इससे महाकुंभ की भव्यता और खास बन गई है। इस बार के महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है, जिससे प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारियों को और मजबूत कर दिया है।

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सरकार की व्यापक तैयारियां
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए विशेष तयारी की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आयोजन की पूरी निगरानी कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न विभागों ने मिलकर कुंभ नगरी को सजाने-संवारने के लिए कार्य किए हैं, ताकि यह महापर्व श्रद्धालुओं के लिए अति आकर्षक बने।

महाकुंभ की मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार महाकुंभ में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और इस पवित्र अनुष्ठान का हिस्सा बनने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रहें, ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो। इस बार कुंभ मेले में व्यवस्थाओं को लेकर सभी ने कमर कस ली है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। महालक्ष्मी खुद इस कुंभ मेले का निरीक्षण कर रही हैं।

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