महाकुंभ मेला 2025 : अमृत स्नान की समय सारणी का ऐलान, जानें अखाड़ों के स्नान का समय

अमृत स्नान की समय सारणी का ऐलान, जानें अखाड़ों के स्नान का समय
UPT | Mahakumbh Mela 2025

Jan 13, 2025 17:16

अमृत स्नान को महाकुंभ मेले के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि अमृत स्नान के दौरान संगम में डुबकी लगाने से आत्मा शुद्ध होती है और ईश्वर का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Jan 13, 2025 17:16

Prayagraj News : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 के दौरान 14 जनवरी को अखाड़ों के लिए अमृत स्नान का विशेष आयोजन होगा। यह आयोजन सनातन परंपराओं और धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए पूर्व निर्धारित क्रम के अनुसार किया जाएगा। अमृत स्नान का यह क्रम अखाड़ों की परंपरागत गरिमा और अनुशासन को प्रदर्शित करता है।

अमृत स्नान का महत्व
अमृत स्नान को महाकुंभ मेले के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि अमृत स्नान के दौरान संगम में डुबकी लगाने से आत्मा शुद्ध होती है और ईश्वर का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन अखाड़ों के साधु-संत अपने-अपने अनुयायियों के साथ संगम में स्नान करते हैं। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए भी एक विशेष आकर्षण होता है।

सन्यासी अखाड़ों का अमृत स्नान (सुबह का समय)
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी एवं श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा : समय- सुबह 06:15 बजे
श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनंद : समय- सुबह 07:05 बजे
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा एवं श्री पंचाग्नि अखाड़ा: समय- सुबह 08:00 बजे

बैरागी अखाड़ों का अमृत स्नान (दोपहर का समय)
अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा : समय- सुबह 10:40 बजे
अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा : समय- सुबह 11:20 बजे
अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा : समय- दोपहर 12:20 बजे

उदासीन अखाड़ों का अमृत स्नान (दोपहर और शाम का समय)
श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा : समय- दोपहर 01:15 बजे
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन, निर्वाण : समय- दोपहर 02:20 बजे
श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा : समय- शाम 03:40 बजे

अमृत स्नान के आयोजन की भव्यता
इस पवित्र स्नान के लिए पूरे संगम क्षेत्र को विशेष रूप से सजाया गया है। सुरक्षा और सुविधा के लिए स्थानीय प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं और अखाड़ों के संतों के लिए अलग-अलग स्नान घाट बनाए गए हैं।

श्रद्धालुओं के लिए दिशा-निर्देश
स्नान के दौरान श्रद्धालुओं से अनुशासन बनाए रखने और प्रशासन द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करने की अपील की गई है। अमृत स्नान के समय घाटों पर अधिक भीड़ होने के कारण पुलिस और स्वयंसेवकों की सहायता से भीड़ प्रबंधन किया जाएगा।

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