देश-दुनिया के बड़े नगर जहां सो रहे हैं या दुनियावी काम में व्यस्त हैं, वहीं प्रयागराज महाकुंभ में जीव ही नहीं, कण-कण महाकुंभ की मकर संक्रांति के दुर्लभ मुहूर्त के स्वागत में रतजगा कर रहा है।
अखाड़ों में अमृत स्नान की दिव्य-भव्य तैयारी : महामंडलेश्वरों के रथ और हाथी-घोड़े तैयार, नागा संन्यासी भस्म रमाकर कर रहे श्रृंगार, ऐसा है नजारा
Jan 14, 2025 10:57
Jan 14, 2025 10:57
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रथ, हाथी, घोड़े हो रहे तैयार
महाकुम्भ के अमृत स्नान का सनातन आस्था में विशेष महत्व है। अनादि काल ले साधु, संन्यासियों और श्रद्धालुओं की महाकुम्भ के अमृत काल में संगम स्नान करने की परंपरा रही है। आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से बने अखाड़े महाकुम्भ में दिव्य शोभा यात्रा के साथ अमृत स्नान करते हैं। मान्यता अनुसार मकर संक्रांति के पर्व पर महाकुम्भ का पहला अमृत स्नान होता है। अमृत स्नान की पूर्व संध्या पर सभी अखाड़ों में तैयारियां की जा रही है। अखाड़ों के महंत, अध्यक्ष, मण्डलेश्वरों, महामण्डलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूलों और तरह-तरह के आभूषणों से की जा रही है। किसी रथ पर भगवान शिव का अलंकरण है तो किसी पर मोर और भगवान गणेश का।
अखाड़ों में इष्टदेव के पूजन के बाद शोभायात्रा
महाकुम्भ के अमृत स्नान में अखाड़ों के साधु-संन्यासी परंपरा अनुसार प्रातः काल दिव्य शोभा यात्रा लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे हैं। लेकिन अमृत स्नान की शोभा यात्रा निकलने का क्रम रात्रि से ही शुरू हो जाएगा। सबसे पहले अखाड़ों में इष्ट देव का मंत्रोच्चार से पूजन किया जाएगा। इसके बाद स्नान विधि पूजन कर, अखाड़ों के पदाधिकारी अपने-अपने क्रम से रथों, हाथी, घोड़ों पर सवार होकर जयकारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़ेंगे। नागा संन्यासी तन पर भस्म रमा कर,अपनी जटा-जूट का श्रृंगार कर धर्म ध्वजा, तीर-तलवार, भाले, ढोल-नगाड़े लेकर जयकारे लगाते हुए संगम की ओर चलेंगे।
सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े का नंबर
महाकुम्भ मेला 2025 में अखाड़ों के परम्परागत पूर्व से निर्धारित कम के अनुसार अमृत स्नान की तिथियों और उनके स्नान क्रम की सूचना अखाड़ों को मिल चुकी है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के सचिव महंत आचार्य देवेंद्र सिंह शास्त्री बताते हैं कि अखाड़ों के अमृत स्नान की तिथि , क्रम और समय की जानकारी आ चुकी है। मकर संक्रान्ति दिनांक 14 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले अमृत स्नान करेगा जिसके साथ श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा भी होगा । यह अखाड़ा 5.15 पर शिविर से प्रस्थान करेगा और 6.15 पर घाट पहुंचेगा। इसे 40 मिनट का समय स्नान के लिए दिया गया है । यह 6.55 पर घाट से वापस शिविर के लिए रवाना होगा और 7.55 पर शिविर पहुंचेगा।
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अन्य अखाड़ों का ये समय
दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द अमृत स्नान करेगा। इसका शिविर से प्रस्थान का समय 06.05,घाट पर आगमन का समय 07.05,स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 7.45 शिविर में आगमन का समय 8.45 रहेगा। तीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे। जिसमें श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा तथा श्री पंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं । इसका शिविर से प्रस्थान का समय 07.00.घाट पर आगमन का समय 08.00,स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 8.40 शिविर में आगमन का समय 9.40 होगा।।
तीनों बैरागी अखाड़ों का ये क्रम
तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा 09.40 पर शिविर से चलेगा, 10.40 पर घट पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान के बाद 11.10 पर घाट से रवाना होकर 12.10 पर शिविर पहुंच जाएगा। इसी क्रम मेंअखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाडा 10.20 पर शिविर से निकलेगा, 11.20 पर घाट पहुंचना , 50 मिनट स्नान के बाद 12.10 पर घाट से रवाना होकर 13.10 पर शिविर वापस आ जाएगा। इसी तरह अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 11.20 पर शिविर से चलेगा 12.20 पर घाट पहुंचेगा। 30 मिनट स्नान के बाद 12.50 पर वहां से वापस 13.50 पर शिविर आ जायेगा।
उदासीन अखाड़ों का समय ये रहा
शेष बचे तीन अखाड़ों में उदासीन से जुड़े अखाड़े आते हैं। इसमें उदासीन श्री पंचायती नया उदासीन अखाडा 12.15 पर अपने शिविर से रवाना होकर 13.15 पर घाट पहुंचेगा और 55 मिनट स्नान करने के बाद 14.10 पर घाट से रवाना होकर 15.10 पर शिविर पहुंच जाएगा। इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन, निर्वाण की बारी है जो 13.20 बजे शिविर से उठेगा और 14.20 पर घाट पहुंचेगा। यहां एक घंटे स्नान के बाद 15.20 पर घाट से रवाना होकर 16.20 पर शिविर आ जायेगा। सबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा । यह अखाड़ा 14.40 पर शिविर से चलेगा और 15.40 पर घाट पहुंचेगा। चालीस मिनट स्नान करने के बाद 16.20 पर घाट से रवाना होकर 17.20 पर शिविर आ जायेगा। यह व्यवस्था मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए जारी हुई है।
साधु-संन्यासियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा होगी
मेला प्रशासन अमृत स्नान काल में साधु-संन्यासियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करवाएगा। मेला प्रशासन ने भी पहले अमृत स्नान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अखाड़ों के आने का क्रम, उनका मार्ग, स्नान का घाट और समय आदि निर्धारित कर दिया गया है। अखाड़ों के मार्ग में बैरिकेड लगा दिये गये हैं ताकि किसी तरह की भगदड़ न होने पाये। मेला क्षेत्र के सभी थानों और पुलिस कर्मियों को दिशानिर्देश जारी किये जा चुके हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वॉच टॉवर और आईसीसी कंट्रोल रूम से अमृत स्नान की शोभायात्रा की निगरानी करेंगे।
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