उद्घाटन समारोह में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। उनके साथ रविशंकर (उत्तर प्रदेश) भजन और सुगम संगीत प्रस्तुत करेंगे।
16 से शुरू होगा 'संस्कृति का महाकुंभ' : शंकर महादेवन समेत कई कलाकार करेंगे प्रस्तुति, गंगा पंडाल होगा मुख्य मंच
Jan 15, 2025 15:59
Jan 15, 2025 15:59
ये कलाकार देंगे प्रस्तुतियां
उद्घाटन समारोह में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। उनके साथ रविशंकर (उत्तर प्रदेश) भजन और सुगम संगीत प्रस्तुत करेंगे। वाराणसी के प्रो. ऋत्विक सान्याल शास्त्रीय गायन, भुवनेश्वर के विचत्रानंदा स्वेन ओडिशी नृत्य और कोलकाता के कुशल दास सितार वादन की अद्भुत प्रस्तुतियां देंगे।
गंगा पंडाल होगा मुख्य आकर्षण
गंगा पंडाल को महाकुंभ के सांस्कृतिक आयोजनों का मुख्य केंद्र बनाया गया है। 10,000 दर्शकों की क्षमता वाला यह पंडाल सेक्टर-1 के परेड ग्राउंड में स्थित है। यहां भारत के प्रसिद्ध कलाकार शास्त्रीय संगीत, लोकगीत, भजन और नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे।
यमुना, सरस्वती और त्रिवेणी पंडाल के विशेष कार्यक्रम
गंगा पंडाल के अलावा यमुना, सरस्वती और त्रिवेणी पंडालों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन पंडालों की दर्शक क्षमता 2,000 है। यहां मेजबान उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के कलाकार अपनी परंपरागत और आधुनिक कला का प्रदर्शन करेंगे।
यमुना पंडाल में लोकनृत्य की झलक
यहां वाराणसी के संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी मंगलाचरण प्रस्तुत करेंगे। राजस्थान की सान्या पाटनकर शास्त्रीय गायन, गोंडा के सहीराम पांडेय आल्हा गायन और प्रयागराज के रामप्रसाद बिरहा गायन करेंगे। दिल्ली की आरुषी मुद्गल ओडिशी नृत्य प्रस्तुत करेंगी, जबकि सोनभद्र के अमरजीत जनजातीय लोकनृत्य की झलक पेश करेंगे।
सरस्वती पंडाल पर रहेंगे ये कलाकार
सरस्वती पंडाल में दिल्ली के पद्मश्री रामदयाल शर्मा अपनी टीम के साथ कृष्ण-सुदामा की नौटंकी प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा वाराणसी की श्वेता दुबे भजन गायन, लखनऊ की श्रुति मालवीय लोकगायन और सोनभद्र के सौरभ बनौधा बंसी वाद्यवृंद प्रस्तुत करेंगे।
त्रिवेणी पंडाल
त्रिवेणी पंडाल में 21 जनवरी से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा। यहां विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी-अपनी विधाओं का प्रदर्शन करेंगे।
महाकुंभ भक्ति और संस्कृति का संगम
महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रदर्शन का एक अद्वितीय मंच भी है। इस बार के महाकुंभ को "संस्कृति का महाकुंभ" के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जो पूरे देश के कलाकारों और दर्शकों को एक साथ लाएगा।
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