उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने शनिवार को गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की धीमी गति को लेकर नाराजगी जताई और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मुख्य कैरिजवे का कार्य 31 दिसम्बर 2024 तक हर हाल में पूरा किया जाए।
मंत्री नन्दी ने अधिकारियों को दी चेतावनी : हर कीमत पर 31 दिसम्बर तक पूरा करें गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य, धीमी मिली रफ्तार
Aug 10, 2024 21:39
Aug 10, 2024 21:39
महाकुम्भ 2025 से पहले पूरा करने की योजना
गंगा एक्सप्रेसवे, जिसका निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा कराया जा रहा है, एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसे महाकुम्भ 2025 से पहले पूरा करने की योजना है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 596 किलोमीटर है और यह मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा। परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है और इसके लिए लगभग 7453.15 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है।
मंत्री नन्दी ने किया निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण
मंत्री नन्दी ने शुक्रवार को दिन में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने जनपद प्रतापगढ़ के अस्करनपुर, झिंगुर, कुंडा, और प्रयागराज-लखनऊ मार्ग पर निर्माणाधीन स्थल का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने देखा कि मिट्टी का कार्य अपेक्षित गति से पीछे चल रहा है। उन्हें बताया गया कि बारिश के कारण मिट्टी के कार्य में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन मंत्री ने इस बहाने को स्वीकार नहीं किया और कार्य की रफ्तार बढ़ाने के लिए मैन पॉवर और मशीनरी बढ़ाने का निर्देश दिया।
मंत्री नन्दी ने अधिकारियों को दी चेतावनी
मंत्री नन्दी ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि किसी भी स्थिति में 31 दिसम्बर 2024 तक गंगा एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिजवे का कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने कहा, "इस परियोजना में लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैन पॉवर और मशीनरी को बढ़ाएं, लेकिन कार्य की गति को तेज करें।" उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे डे बाई डे का प्लान बनाएं और जो भी कमियां और समस्याएं आ रही हैं, उनका तत्काल समाधान करें।
20 अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश
मंत्री नन्दी ने समीक्षा बैठक में भी गंगा एक्सप्रेसवे की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को 20 अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया कि 31 दिसम्बर तक निर्माण कार्य किस प्रकार पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मिट्टी का कार्य सबसे महत्वपूर्ण है और इसमें कई लेयर का काम होता है। इसलिए, डम्फर की संख्या बढ़ाई जाए और जरूरत पड़े तो मैन पॉवर भी बढ़ाई जाए।
धीमी रफ्तार पर मंत्री नन्दी ने जताई नाराजगी
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में आ रही बाधाओं और धीमी रफ्तार पर मंत्री नन्दी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह परियोजना महाकुम्भ 2025 के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके पूरा होने से प्रयागराज में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को सुविधा प्रदान की जा सकेगी। उन्होंने कहा, "सभी जिम्मेदार अधिकारी एक नई ऊर्जा और प्रभावशीलता के साथ काम करें। निर्धारित लक्ष्य से अधिक लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें।"
12 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
समीक्षा बैठक में यूपीडा के अधिकारियों के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। इनमें एसीईओ यूपीडा हरि प्रताप शाही, वरिष्ठ मुख्य महा प्रबंधक यूपीडा आरआर सिंह, मुख्य अभियंता यूपीडा आरके चौधरी, और महाप्रबंधक यूपीडा एसपी राव प्रमुख थे। इन अधिकारियों ने मंत्री नन्दी को परियोजना की वर्तमान स्थिति और समस्याओं के बारे में जानकारी दी। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं। इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य यात्रा की समय सीमा को कम करना और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करना है।
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