Dec 21, 2024 11:52
https://uttarpradeshtimes.com/prayagraj/mouni-maharaj-leaves-mahakumbh-mela-alleges-irregularities-in-land-allotment-56506.html
Prayagraj News : प्रयागराज के महाकुंभ मेले की पहचान न केवल श्रद्धालुओं और धार्मिक आस्थाओं से होती है, बल्कि साधु-संतों की उपस्थिति इस मेले की आत्मा मानी जाती है। लेकिन जब यही साधु-संत व्यवस्था से असंतुष्ट होकर मेला छोड़ने को मजबूर हो जाएं, तो यह प्रशासनिक प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मौनी महाराज ने छोड़ा महाकुंभ मेला
शिवयोगी मौनी महाराज, जो परमहंस सेवाश्रम के पीठाधीश्वर हैं, मेला प्रशासन की उदासीनता से आहत होकर महाकुंभ छोड़ने पर मजबूर हो गए। उनका कहना है कि उन्होंने विशेष अनुष्ठान के लिए भूमि की मांग की थी, जो अब तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई। मौनी महाराज ने कई बार मेला प्रशासन के दफ्तर का चक्कर लगाया, लेकिन उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया।आखिरकार, अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए मौनी महाराज मेले से चले गए। बाबा ने कहा कि अब वह दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और अपनी समस्या उनके सामने रखेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने आमरण अनशन की भी चेतावनी दी है।
भावुक हुए मौनी बाबा, आंखों में आए आँसू
मौनी महाराज अपनी बात कहते-कहते इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आँसू तक छलक पड़े। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई कि उन्हें विशेष अनुष्ठान के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए। बाबा ने कहा कि उनका अनुष्ठान देश की तरक्की, खुशहाली और हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए है।
5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष के साथ अनुष्ठान की तैयारी
मौनी महाराज महाकुंभ में 5 करोड़ 51 हजार रुद्राक्ष के साथ एक विशेष अनुष्ठान करने वाले थे। उनका कहना है कि यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि देश की उन्नति और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी उद्देश्य है।
मेला प्रशासन पर सवालिया निशान
यह मामला मेला प्रशासन की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जहां महाकुंभ को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने की कोशिश की जा रही है, वहीं साधु-संतों की उपेक्षा कहीं न कहीं इस प्रयास को कमजोर करती है। मौनी महाराज ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर समाधान की मांग करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में अनशन करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है।
शिवयोगी मौनी महाराज, पीठाधीश्वर - परमहंस सेवाश्रम
"हमने मेला प्रशासन से भूमि की मांग की थी, लेकिन हमें बार-बार अनदेखा किया गया। अब हम दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और वही अपनी बात रखेंगे। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो आमरण अनशन करेंगे।महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में साधु-संतों की भूमिका अहम है। ऐसे में मौनी महाराज जैसे संत का नाराज़ होकर जाना प्रशासन के लिए चिंताजनक है। उम्मीद है कि मेला प्रशासन और सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर जल्द समाधान निकालेगी।