श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की पेशवाई का आरंभ मुठ्ठीगंज स्थित मुंशी राम बगिया से हुआ। यात्रा के मार्ग में श्रद्धालुओं ने साधु-संतों पर फूलों की वर्षा कर स्वागत किया।
श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की पेशवाई : शिव की स्तुति और गुरुबाणी के संग आध्यात्मिक यात्रा पर निकले साधु
Jan 10, 2025 15:35
Jan 10, 2025 15:35
भव्य यात्रा और श्रद्धालुओं का उत्साह
पेशवाई का आरंभ मुठ्ठीगंज स्थित मुंशी राम बगिया से हुआ। यात्रा के मार्ग में श्रद्धालुओं ने साधु-संतों पर फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। श्रद्धालुओं ने साधुओं के साथ सेल्फी ली और उनका आशीर्वाद लिया। यह दिव्य यात्रा संगम की रेती पर समाप्त होगी, जहां संत जप-तप और साधना में लीन होंगे।
111 वर्षों की आध्यात्मिक धरोहर
श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा भारतीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। इसका गठन 1913 में महात्मा सूरदास जी की प्रेरणा से हुआ। बड़ा उदासीन अखाड़े से वैचारिक मतभेद के चलते, संतों ने एक नए अखाड़े की स्थापना की, जिसे श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा नाम दिया गया।
इस अखाड़े का प्रमुख केंद्र हरिद्वार के कनखल में स्थित है, जहां से इसकी आध्यात्मिक गतिविधियां संचालित होती हैं। अखाड़े के संतों का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और तप की परंपरा को आगे बढ़ाना है।
कुंभ मेले का हिस्सा बनने की तैयारी
13 जनवरी से आरंभ होने वाले कुंभ मेले में, जहां लगभग 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा अपने तप और साधना से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेगा। इस अखाड़े के संत संगम की रेती पर बैठकर ध्यान, साधना और धार्मिक अनुष्ठानों में लीन होंगे।
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