Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए निर्णय लिया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के पैनल में शामिल 182 महिला वकीलों का चयन इस उद्देश्य से किया गया है कि पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में पीड़ित नाबालिग लड़कियों की सही और प्रभावी तरीके से पैरवी की जा सके। ये महिला वकील अदालत में पीड़ितों का पक्ष रखेंगी, उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करेंगी, और यह सुनिश्चित करेंगी कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।
यह पैनल इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार गठित किया गया है। जहां अप्रैल 2024 और अगस्त 2022 के आदेशों के तहत यह निर्णय लिया गया था कि ऐसे मामलों में महिला वकीलों का एक समर्पित पैनल बनाया जाएगा। ये वकील एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) के रूप में कार्य करेंगी। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि न्याय प्रक्रिया में पीड़ितों का पूरा समर्थन हो और उनके हितों की सुरक्षा हो।
देश में बढ़ रही रेप और महिलाओं के साथ हो रही हिंसाओं को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से ये कदम उठाया गया है। इस कदम से न केवल पीड़ितों को न्याय मिलने की प्रक्रिया में सुधार होगा उसके साथ में यह कानूनी व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका को भी मजबूत करेगा। जिसकी वजह से महिलाएं अपनी बात कहने में हिचकेंगी नहीं जिसके कारण न्याय प्रक्रिया में उनको न्याय दिलाने में मदद मिलेगी।
हाईकोर्ट ने इसी साल 12 अप्रैल को क्रिमिनल मिसलेनियस बेल एप्लीकेशन 709/ 2024 रंजीत बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और दो अगस्त 2022 को क्रिमिनल मिसलेनियस बेल एप्लीकेशन 23834/2022 आशीष यादव बनाम यूपी सरकार के तहत हाईकोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी से महिला वकीलों का पैनल गठित करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है