गुड्डू बमबाज ने सैयद वसीमुद्दीन के नाम से फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर भारत से बाहर जाने का रास्ता बनाया। यह जानकारी केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ साझा की है।
राजू पाल हत्याकांड का आरोपी गुड्डू दुबई फरार : फर्जी पासपोर्ट का किया इस्तेमाल, केंद्रीय एजेंसियों ने यूपी पुलिस को दी सूचना
Jan 18, 2025 12:46
Jan 18, 2025 12:46
फर्जी पासपोर्ट का किया इस्तेमाल
जांच में खुलासा हुआ है कि गुड्डू बमबाज ने सैयद वसीमुद्दीन के नाम से फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर भारत से बाहर जाने का रास्ता बनाया। यह जानकारी केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ साझा की है। फर्जी पासपोर्ट के माध्यम से आरोपी ने न केवल भारत से भागने में सफलता हासिल की, बल्कि जांच एजेंसियों को गुमराह भी कर दिया।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार
गुड्डू बमबाज 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या में शामिल था। इस हत्याकांड के बाद से वह लगातार फरार चल रहा है। पुलिस और जांच एजेंसियां उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही थीं। इस दौरान आरोपी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया था ताकि वह देश छोड़कर न भाग सके। लेकिन वह सभी सुरक्षा प्रबंधों को धता बताते हुए फरार होने में कामयाब रहा।
राजस्थान और ओडिशा में भी दिया था पुलिस को चकमा
प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट और एसटीएफ की कई टीमें गुड्डू मुस्लिम की तलाश में महीनों तक जुटी रहीं। उसे राजस्थान के अजमेर और ओडिशा के भुवनेश्वर में छिपने की सूचना मिली थी। हालांकि दोनों ही जगहों पर छापेमारी के बावजूद पुलिस उसे पकड़ने में असफल रही।
कुख्यात बम एक्सपर्ट भी है गुड्डू बमबाज
गुड्डू बमबाज इलाहाबादका वह नाम है जो अपनी बम बनाने की कला और अपराधों के लिए कुख्यात हो चुका है। सोशल मीडिया पर उसके बम फेंकने के तरीके की चर्चा होने लगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुड्डू ने स्कूल के दिनों में ही बम बनाना सीख लिया था। उसकी सबसे खासियत यह है कि वह चलती बाइक पर बैठकर भी बम बना सकता है और सटीक निशाने पर फेंक सकता है।
गुड्डू बमबाज का अपराधी जीवन
गुड्डू का आपराधिक इतिहास लंबा है। 2001 में गोरखपुर पुलिस ने उसे एक मुखबिर की सूचना पर पटना के बेउर जेल के सामने से गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद कुख्यात माफिया और राजनेता अतीक अहमद ने गुड्डू की जमानत करवाकर उसे जेल से बाहर निकाला। इसके बाद से गुड्डू अतीक अहमद का करीबी बन गया। 2009 में परवेज टाडा के एनकाउंटर के बाद गुड्डू बमबाज ने अतीक अहमद के सबसे भरोसेमंद गुर्गों में अपनी जगह बना ली। अतीक की छत्रछाया में रहते हुए उसने अपराध की दुनिया में अपनी पहचान और मजबूत की।
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