प्रयागराज में आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग लगातार मानकों के विपरीत संचालित हो रहे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। विभाग की टीम अस्पतालों का निरीक्षण कर लगातार जायजा ले रही है।
मानकों के विपरीत संचालित हो रहे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई : गंभीर अनियमितताएं मिलने पर कई को किया सील
Oct 13, 2024 17:28
Oct 13, 2024 17:28
ईशू हॉस्पिटल और अन्य अस्पतालों पर भी गिरी गाज
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसके बाद करछना के मुगारी चौराहा स्थित ईशू हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया। यहां पाया गया कि पहले से अस्पताल के खिलाफ जांच चल रही थी, इसके बावजूद अस्पताल संचालित हो रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने बिना किसी देरी के इस अस्पताल को भी सील कर दिया। यह कार्रवाई आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर की गई थी, जो अस्पताल की मानक प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर रहा था।
कृतिका पैथोलॉजी और लोटस हॉस्पिटल की भी हुई जांच
फूलपुर तहसील के ग्राम करुआडीह निवासी केदार नाथ सिंह द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झूंसी स्थित कृतिका पैथोलॉजी के पास लोटस हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। आस-पास के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, कृतिका पैथोलॉजी पिछले कुछ दिनों से बंद थी। इस आधार पर, टीम ने पैथोलॉजी का पंजीकरण निलंबित कर दिया। इससे स्पष्ट होता है कि विभाग मानकों का उल्लंघन करने वाले किसी भी स्वास्थ्य संस्थान के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है।
रहिमापुर में बिना पंजीकरण के संचालित क्लीनिक भी सील
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसके बाद पटेल नगर के रहिमापुर तिराहा स्थित एक भवन में संचालित क्लीनिक और हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। यहां लगभग 10-12 बेड, पर्याप्त दवाइयां, बीपी मापने के उपकरण और इंजेक्शन लगाने की दवाइयां पाई गईं। हालांकि, निरीक्षण के दौरान यह पता चला कि अस्पताल का मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से पंजीकरण नहीं कराया गया था। पंजीकरण प्रमाणपत्र न होने की वजह से इस क्लीनिक को भी सील कर दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की यह सख्त कार्रवाई यह दर्शाती है कि बिना पंजीकरण और मानकों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कोई रियायत नहीं दी जाएगी। आईजीआरएस पोर्टल पर मिली शिकायतों के आधार पर की गई यह कार्रवाई शहर के विभिन्न हिस्सों में संचालित अस्पतालों और क्लीनिकों में चल रही अनियमितताओं को उजागर करती है। प्रशासन का यह कदम मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही से जनहानि न हो।
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