इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने छात्रसंघ बहाली के लिए आंदोलन तेज कर दिया है। छात्र नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपनी मांगों को लेकर 18 सूत्रीय मांग पत्र भी जारी किया।
छात्रसंघ बहाली के लिए संघर्ष : इलाहाबाद विवि के छात्रों ने दी उग्र प्रदर्शन की चेतावनी, मानव शृंखला से आंदोलन को किया मजबूत
Oct 20, 2024 23:46
Oct 20, 2024 23:46
छात्रसंघ पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग
प्रदर्शनकारी छात्रों का मुख्य मुद्दा विश्वविद्यालय में छात्रसंघ पर लगे प्रतिबंध को हटाने का है। उनका कहना है कि छात्रसंघ के जरिए वे भ्रष्टाचार और अन्य समस्याओं को उजागर कर सकते थे, लेकिन प्रतिबंध के चलते उनकी आवाज दबा दी गई है। छात्रसंघ बहाली संघर्ष मोर्चा ने घोषणा की है कि वे जल्द ही ऑक्टा (ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन) के पदाधिकारियों से मिलकर समर्थन की अपील करेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने चार गुना तक बढ़ी हुई फीस को भी तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है।
कुलपति की नियुक्ति और प्रशासनिक फैसलों पर विरोध
छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय की कुलपति की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। वे इस नियुक्ति को गलत मानते हुए इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसके अलावा, चीफ प्रॉक्टर के पद पर राकेश की तैनाती का भी छात्रों द्वारा विरोध किया जा रहा है। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसलों से छात्रों की समस्याएं बढ़ रही हैं, और उनकी आवाज को अनसुना किया जा रहा है।
18 सूत्रीय मांग पत्र में सुधार की अपील
छात्रों ने अपने 18 सूत्रीय मांग पत्र में विश्वविद्यालय के बदहाल विभागों, हॉस्टल और मेस की व्यवस्था में सुधार की भी मांग की है। उनका कहना है कि बेहतर शिक्षा और सुविधाएं छात्रों का अधिकार है, और इसके लिए वे संघर्ष करते रहेंगे। विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों का कहना है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और भी उग्र रूप देने पर मजबूर होंगे।
छात्रसंघ बहाली संघर्ष मोर्चा के इस आंदोलन ने विश्वविद्यालय परिसर में हलचल मचा दी है। प्रशासन और छात्रों के बीच की इस खींचतान से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है। छात्रों की मांग है कि प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुने और उचित समाधान प्रदान करे, ताकि शिक्षा का माहौल सुचारु रूप से चल सके।
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