संजीव बालियान ने सोमवार को पत्रकारों से रूबरू होकर बतौर बीजेपी सांसद अपने पिछले दस सालों के कार्यकाल में कराए गए बड़े विकास कार्यों के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने हार के लिए मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण और अपनी ही पार्टी के 'जयचंदों' को कोसा।
चुनाव हारने के बाद मंत्री संजीव बलियान ने संगीत सोम पर साधा निशाना : बोले-‘मेरा पानी उतरता देख किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समंदर हूं लौटकर जरूर आऊंगा'...
Jun 11, 2024 12:04
Jun 11, 2024 12:04
फिलहाल “संजीव बालियान” और “संगीत सोम” में जबानी कीर्तन चल रहा है।
— Mayank Yadav (@MayankYadavAdv) June 10, 2024
कल संगीत सोम प्रेसवार्ता करेगा, हो सकता है उसके बाद पूर्वांचल की तरह पश्चिम में भी जूतमपैजार हो जाये। pic.twitter.com/Ol8msriJ1h
संजीव बालियान ने सोमवार को पत्रकारों से रूबरू होकर बतौर बीजेपी सांसद अपने पिछले दस सालों के कार्यकाल में कराए गए बड़े विकास कार्यों के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने हार के लिए मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण और अपनी ही पार्टी के 'जयचंदों' को कोसा। मुजफ्फरनगर सीट से दो बार सांसद रहे संजीव बालियान अपनी हार के बाद दिल्ली चले गए थे। आज मुजफ्फरनगर लौटे तो अपने 10 साल का पूरा लेखा-जोखा सामने रखा। इस दौरान उन्होंने अपनी हार के तीन कारण गिनाए हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण, हिंदू जातियों का आपस में बंटवारा और मतदान प्रतिशत में गिरावट की वजह से मुझे हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही संजीव बालियान ने भीतरघात की भी बात की।
इन पर फोड़ा हार का ठीकरा
संजीव बालियान ने कहा कि इस हार की वजह मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण और हिंदू वोटरों का मतदान कम होना है। सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह बात सबको पता है कि संगीत सोम ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया है, खुलकर लड़ाया है। चुनाव हारने में जयचंदों का हाथ है। बीजेपी के लोग ही पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का काम पार्टी हाईकमान का है। संजीव बालियान ने कहा कि संगीत सोम सरकारी सुविधाओं का लाभ भी ले रहे हैं, जो कि अनुचित है। पार्टी को इस पर ध्यान देकर कार्रवाई करनी चाहिए थी। गौरतलब है कि चुनाव के दौरान संगीत सोम ने संजीव बालियान के खिलाफ शीत युद्ध लड़ा। इसका असर परिणामों में दिखा।
लगातार मंत्री रहे संजीव बालियान
बता दें कि संजीव बालयान इससे पहले मोदी सरकार में लगातार मंत्री पद पर थे। इस बार की चुनावी हार के बाद उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है। अब बालियान ने कहा है कि मुजफ्फरनगर में कुछ और बड़े कार्य हैं, जो अधूरे रह गए हैं। उम्मीद है कि उन्हें अब नवनिर्वाचित सांसद पूरा करने का काम करेंगे। इसके लिए वह उनका पूरा साथ देंगे। बालियान ने बताया कि मुजफ्फरनगर तक आरआरटीएस को लाने का उनका प्रयास था, जो मेरठ तक आ चुकी है और जल्द ही चालू होने वाली है। जिसे मुजफ्फरनगर तक लाने की भी कार्ययोजना है, केवल फंड आवंटित होना है। मुजफ्फरनगर में एक मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता है, उसे नए सांसद को बनवाना है। साथ ही मुजफ्फरनगर में सरकारी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी नहीं है, जो मुजफ्फरनगर में जरूरी है। बालियान ने दस सालों के कार्यकाल के दौरान मिले जनता के भरपूर प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
मुजफ्फरनगर सीट पर मिली हार
इस चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान और सपा के उम्मीदवार हरेंद्र सिंह एक दूसरे से सामने थे। लेकिन मुकाबले में सपा नेता बाजी मार गए। हरेंद्र ने बड़े वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। सपा नेता हरेंद्र सिंह मलिक को कुल 470721 वोट मिले। वहीं बीजेपी नेता संजीव बालियान को 4,46,049 वोट मिले थे।
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