कोर्ट ने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है, हालांकि उनका निधन 15 मई 2011 को हो चुका है।
महेंद्र सिंह टिकैत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी : 2011 में हो चुकी है मृत्यु, कांधला थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
Sep 13, 2024 20:23
Sep 13, 2024 20:23
- भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया
- 15 मई 2011 को हो चुका है चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का निधन
- चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने की थी भारतीय किसान यूनियन की स्थापना
किसानों के हक के लड़ी लड़ाइयां
चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने किसानों के हक के लिए कई महत्वपूर्ण लड़ाइयां लड़ी थीं और भारतीय किसान यूनियन की स्थापना की थी। वे मुज़फ्फरनगर जिले के सिसौली गांव के निवासी थे और अपने जीवनकाल में किसानों की समस्याओं को लेकर कई बार दिल्ली तक धरना प्रदर्शन किए। उनका निधन 13 साल पहले हो चुका है, लेकिन उनके खिलाफ वारंट जारी होने से विवाद पैदा हो गया है।
वारंट की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल
इस वारंट की कॉपी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वारंट के अनुसार, कैराना जिले के भोराकला पुलिस को महेंद्र सिंह टिकैत की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं। वारंट की वजह यह है कि 2007 में शामली के कांधला पुलिस थाने में दर्ज किए गए एक मामले में टिकैत और अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। इस मामले में टिकैत के अलावा पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह के बेटे मनीष चौहान भी नामजद हैं।
Muzaffarnagar : जनपद मुजफ्फरनगर की सिसौली किसान नेता व भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का 13 साल बाद कैराना कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट किया जारी। 15 मई 2011 में किसान नेता स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत की हो चुकी है मृत्यु। कैराना कोर्ट से समन… pic.twitter.com/b7asz5aIeC
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) September 13, 2024
कोर्ट में अभी तक मृत्यु का कोई प्रमाण पत्र नहीं
कोर्ट में अभी तक महेंद्र टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। अगर बचाव पक्ष इस प्रमाण पत्र को अदालत में प्रस्तुत करता है, तो संभवतः इस वारंट को रद्द किया जा सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
गौरव टिकैत का बायान
गौरव टिकैत ने बताया कि ये समन गुरुवार देर शाम मिला था। उन्होंने कहा कि अगर न्याय पालिका इस तरह मुकदमों की सुनवाई करती रहेगी तो एक दिन ऐसा आएगा कि न्याय पालिका से ही आम आदमी का विश्वास उठ जाएगा। यही हाल पुलिसिंग का है। इलाके के थाने के सिपाही को ही नहीं पता कि टिकैत साहब अभी जिंदा हैं या नहीं हैं।
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