Paramhansh aachaarya
आचार्य ने कहा कि यहां पर धर्म दंड लेकर शंकराचार्य भी आ चुके हैं, वह इसलिए यहां पर आए हैं, जिससे वह बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर सकें। यह शिवालय है, इसलिए यह सातवां अजूबा और प्रेम की निशानी माना जाता है...और पढ़ें
आचार्य ने कहा कि यहां पर धर्म दंड लेकर शंकराचार्य भी आ चुके हैं, वह इसलिए यहां पर आए हैं, जिससे वह बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर सकें। यह शिवालय है, इसलिए यह सातवां अजूबा और प्रेम की निशानी माना जाता है...और पढ़ें