काशी हिंदू विश्वविद्यालय : केंद्रीय लाइब्रेरी का बदला कायाकल्प, अध्ययन की क्षमता में वृद्धि 

केंद्रीय लाइब्रेरी का बदला कायाकल्प, अध्ययन की क्षमता में वृद्धि 
UPT | Sayaji Rao Gaekwad Central Library

Aug 24, 2024 20:47

विगत तीन वर्षों में, पुस्तकालय की अध्ययन क्षमता में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है, जो विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है। यह विकास कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के नेतृत्व में हुआ है...

Aug 24, 2024 20:47

Short Highlights
  • सयाजीराव गायकवाड़ केंद्रीय पुस्तकालय में महत्वपूर्ण परिवर्तन
  • पुस्तकालय की अध्ययन क्षमता में दोगुने से अधिक की वृद्धि
  • 70,000 अतिरिक्त पुस्तकों को रखने की जगह भी मिलेगी
Varanasi News : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के ऐतिहासिक सयाजीराव गायकवाड़ केंद्रीय पुस्तकालय में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा जा रहा है। विगत तीन वर्षों में, पुस्तकालय की अध्ययन क्षमता में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है, जो विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है। यह विकास कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के नेतृत्व में हुआ है, जिन्होंने विद्यार्थी सुविधाओं के उन्नयन को प्राथमिकता दी है।

विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था
जानकारी के अनुसार, पुस्तकालय में वर्तमान में 15 लाख से अधिक पुस्तकें, 90,000 ई-पुस्तकें और 17,000 से अधिक शोध पत्र उपलब्ध हैं। 2021 में जहां केवल 850 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था थी, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 1450 तक पहुंच गई है। यह वृद्धि यूजीसी-एचआरडीसी केंद्र के भवन को अध्ययन कक्ष में परिवर्तित करके संभव हुई है।



70,000 अतिरिक्त पुस्तकों को रखने की मिलेगी जगह 
बता दें कि विस्तार की प्रक्रिया यहीं नहीं रुकी है। एक नई जी प्लस फाइव इमारत का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, जो पुस्तकालय की क्षमता को और 600 सीटों से बढ़ाएगा। इसके साथ ही, 70,000 अतिरिक्त पुस्तकों को रखने की जगह भी मिलेगी। इन सभी विस्तारों के बाद, पुस्तकालय की कुल क्षमता 2000 विद्यार्थियों तक पहुंच जाएगी।

21 घंटे खुलती है लाइब्रेरी
पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. डी. के. सिंह ने इस विकास को विश्वविद्यालय प्रशासन की सराहनीय पहल बताया है। उन्होंने कहा कि अब पुस्तकालय के पास न तो धन की कमी है और न ही अन्य संसाधनों की चुनौती। यह विस्तार विशेष रूप से वंचित वर्गों के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने पुस्तकालय को और अधिक विद्यार्थी-अनुकूल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पुस्तकालय का वार्षिक आवंटन तीन वर्ष पहले की तुलना में पांच गुना बढ़ा दिया गया है। साइबर लाइब्रेरी अब प्रतिदिन 21 घंटे खुली रहती है, जो पहले केवल 15 घंटे के लिए उपलब्ध थी।

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गौरतलब है कि यह सभी विकास कार्य भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के अंतर्गत किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से न केवल पठन-पाठन की सुविधाएं बेहतर हुई हैं, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता को भी बढ़ावा मिला है।

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