शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा दावा : भगवान से छल हुआ, काशी विश्वनाथ मंदिर से भी सोना चोरी

भगवान से छल हुआ, काशी विश्वनाथ मंदिर से भी सोना चोरी
UPT | ज्योतिर्मय मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज

Jul 25, 2024 20:19

ज्योतिर्मय मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने एक बार फिर बड़ा दावा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल बाबा केदारनाथ धाम ही नहीं, बल्कि काशी विश्वनाथ मंदिर सहित देश के कई अन्य प्रमुख मंदिरों में भी सोने का घोटाला हुआ है।

Jul 25, 2024 20:19

Short Highlights
  • स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंदिरों में सोने के उपयोग पर उठाए गंभीर सवाल 
  • गर्भगृह में लगाया गया नया सोना महज छह महीने में ही पीतल में बदल रहा
Varanasi News : ज्योतिर्मय मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली में एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल बाबा केदारनाथ धाम ही नहीं, बल्कि काशी विश्वनाथ मंदिर सहित देश के कई अन्य प्रमुख मंदिरों में भी सोने का घोटाला हुआ है। एक मीडिया इंटरव्यू में शंकराचार्य ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि यदि वास्तव में भगवान के साथ कोई छल हुआ है, तो इसे जनता के सामने लाया जाना चाहिए।

केदारनाथ से 228 किलो सोना चोरी होने का भी दावा 
10 दिन पहले अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ से 228 किलो सोना चोरी होने का खुलासा किया था। वे अपने  अपने पिछले बयान पर आज भी कायम हैं। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री ने अभी नहीं बोला है, मगर एक वक्त आएगा, बोलना ही पड़ेगा। स्वामी जी ने दावा किया कि यह समस्या केवल केदारनाथ तक सीमित नहीं है, बल्कि काशी विश्वनाथ मंदिर सहित कई अन्य प्रमुख मंदिरों में भी इसी तरह की गड़बड़ी हुई है। उनके गर्भगृह में भी सोना ऐसे ही लगाया गया है। और भी कई मंदिरों में इस तरह से सोना लगाया गया है।

गर्भगृह का सोना जो 6 महीने में पीतल हो रहा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंदिरों में सोने के उपयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अचानक सभी मंदिरों में सोना मढ़वा रहे हैं, जबकि इतिहास में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर पर मढ़वाया गया सोना आज भी चमक बरकरार रखे हुए है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि गर्भगृह में लगाया गया नया सोना महज छह महीने में ही पीतल में बदल रहा है। स्वामी जी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि उनके इस प्रयास को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि भगवान के साथ कहीं भी छल हुआ है, तो उसे जनता के सामने लाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद संबंधित समितियां जांच कराने को तैयार नहीं हैं।

विश्वनाथ धाम के CEO ने शंकराचार्य आरोपों को बताया गलत
काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विश्वभूषण मिश्रा ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य जी हाल ही में मंदिर नहीं आए हैं और उनके दावे संभवतः उनकी दिव्य दृष्टि पर आधारित हो सकते हैं। मिश्रा ने स्पष्ट किया कि मंदिर में दिन में पांच बार होने वाली आरती के कारण दीवारों पर कालिख जम जाती है, जिसे साफ करने पर सोना पहले की तरह ही चमकने लगता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सोने की चादर में कोई क्षरण नहीं आया है और अब तक इस संबंध में कोई शिकायत भी नहीं मिली है। मिश्रा ने यह भी उल्लेख किया कि यह पहली बार है जब कोई इस तरह का आरोप लगा रहा है। 

15 जुलाई को केदारनाथ से सोना चोरी होने का किया था दावा
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 15 जुलाई को मुंबई में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने के निर्णय पर गंभीर आपत्ति जताई। स्वामी जी ने कहा कि भगवान के हजारों नाम हैं और किसी अन्य नाम से मंदिर बनाया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को भ्रम में नहीं डाला जाना चाहिए। 

मंदिर बनाने के पीछे राजनीति का सच
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने के निर्णय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ रहा है। स्वामी जी ने केदारनाथ धाम से 228 किलोग्राम सोने की कथित गायब होने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक इसकी कोई जांच नहीं हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केदारनाथ में घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में मंदिर बनाकर वहां भी ऐसा ही किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस बयान के बाद, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलने उनके निवास पर गए।

शंकराचार्य निश्चलानंद ने अविमुक्तेश्वरानंद से मांगा सबूत 
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के केदारनाथ मंदिर से संबंधित बयान के बाद उन्हें व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा। इस विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब 18 जुलाई को रायपुर में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने केदारनाथ मंदिर से 228 किलोग्राम सोना गायब होने के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। शंकराचार्य निश्चलानंद ने इस पूरे प्रकरण को भ्रामक बताया और कहा कि इस तरह की अफवाहों से समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है।

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