ढाबों, होटलों और घरेलू कार्यों में बच्चों व किशोर-किशोरियों की संख्या बढ़ने पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की। अभियान के दौरान छह प्रतिष्ठानों में बाल श्रम के उल्लंघन की जांच की गई, जिसमें दो बाल श्रमिक और छह किशोर श्रमिक पाए गए।
बाल श्रम के खिलाफ सख्ती : कई प्रतिष्ठानों पर छापेमारी, पढ़िए कार्रवाई के दौरान किन-किन विभागों के अधिकारी शामिल रहे
Oct 24, 2024 19:21
Oct 24, 2024 19:21
छह प्रतिष्ठानों में बाल श्रम के उल्लंघन की जांच की गई
बाल श्रम निषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 और संशोधन अधिनियम 2016 के अंतर्गत, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में बाल श्रम के खिलाफ सघन निरीक्षण किया गया। अभियान के दौरान, छह प्रतिष्ठानों में बाल श्रम के उल्लंघन की जांच की गई, जिसमें दो बाल श्रमिक और छह किशोर श्रमिक पाए गए। प्रशासन की इस कार्रवाई में पुलिस, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, एनजीओ के सदस्य और श्रम प्रवर्तन अधिकारी भी शामिल थे। जिला प्रशासन के अनुसार, ग्रामीण इलाकों से नाबालिग बच्चों को लाकर शहरी क्षेत्रों में होटलों, ढाबों, और घरों में काम कराया जा रहा था। कई प्रतिष्ठानों में कम उम्र के बच्चों को कठिन परिश्रम करते हुए पाया गया, जिससे उनकी शिक्षा और विकास पर बुरा असर पड़ रहा है। बाल श्रमिकों की पहचान के बाद उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
प्रतिष्ठानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया
बाल श्रम के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की थी। इन शिकायतों के आधार पर, गुरुवार को प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई की और उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया। जिला प्रशासन की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि चंदौली में बाल श्रम के मामलों में कमी आएगी और नाबालिग बच्चों को उनके अधिकारों की सुरक्षा मिलेगी। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण जारी रहेंगे और बाल श्रम कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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