जनपद के करमपुर गांव निवासी राजकुमार पाल का भारतीय हॉकी ओलंपिक टीम में चयन से गाजीपुर की जनता में हर्ष का माहौल है।
गाजीपुर के राजकुमार का भारतीय हॉकी टीम में चयन : जनपद में हर्ष का माहौल, लोगों ने दी बधाई
![जनपद में हर्ष का माहौल, लोगों ने दी बधाई](https://image.uttarpradeshtimes.com/img-20240629-202115-76774.jpg)
Jun 29, 2024 23:03
Jun 29, 2024 23:03
Ghazipur News : जनपद के करमपुर गांव निवासी राजकुमार पाल का भारतीय हॉकी ओलंपिक टीम में चयन से गाजीपुर की जनता में हर्ष का माहौल है। बताते चलें कि राजकुमार पाल गाजीपुर के पहले हॉकी खिलाड़ी हैं जिनका चयन ओलंपिक टीम में हुआ है। 2024 में पेरिस में ओलंपिक खेल होने हैं, और 16 सदस्य टीम में राजकुमार मिडफील्डर के तौर पर चयन किए गए हैं ।
2020 में राजकुमार ने पहला अंतरराष्ट्रीय मैच बेल्जियम के खिलाफ खेला था
जनपद का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने वाला जनपद का मेघबरन सिंह स्टेडियम से राजकुमार पाल का 8 वर्ष की उम्र से ही लगाव रहा है। लगातार स्टेडियम में खेलते-खेलते आज उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है ।उनके बेहतरीन खेल की वजह से ही उनका चयन ओलंपिक टीम में किया गया है। मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे राजकुमार पाल इससे पहले कई अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। उन्होंने 2020 में बेल्जियम के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। राजकुमार फिलहाल बेंगलुरु में ट्रेनिंग कैंप अटेंड कर रहे हैं और ओलंपिक की तैयारी में पूरी तरह जुटे हुए हैं। 8 जुलाई को राजकुमार हॉलैंड जाएंगे और वहां कुछ प्रैक्टिस मैच खेलेंगे फिर पेरिस के लिए रवाना होंगे।
स्व० मेघबरन सिंह स्टेडियम ने 14 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिया है
इनके चयन की घोषणा के बाद मेघबरन सिंह स्टेडियम के प्रबंधक अनिकेत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 1983 में इस स्टेडियम की स्थापना स्व० तेज बहादुर सिंह ने की थी। उनका उद्देश्य था कि गांव के गरीब युवाओं को रोजगार मिले और उनका जीवन बेहतर हो सके। इस स्टेडियम ने अब तक 14 अंतर्राष्ट्रीय भारतीय खिलाड़ी हॉकी टीम को दिए हैं और सैकड़ो खिलाड़ियों को विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियां मिले हैं। उन्होंने अपना सारा जीवन खिलाड़ियों के उत्थान और गरीबी मिटाने के लिए समर्पित कर दिया मेघबरन सिंह स्टेडियम के दो खिलाड़ियों राजकुमार पाल और ललित उपाध्याय का चयन ओलंपिक के लिए हुआ है। ललित उपाध्याय पिछले ओलंपिक में भी कांस्य पदक विजेता रहे हैं और वह मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं। लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इसी स्टेडियम से की थी। गाजीपुर को राजकुमार पाल के रूप में पहला ओलंपियन मिल गया है ।और इसका श्रेय इस स्टेडियम के संस्थापक स्व० तेज बहादुर सिंह को जाता है।
पिता के निधन के बाद मां ने जिम्मेवारी उठाई और तीनों बेटों को कामयाब बनाया
राजकुमार पाल की पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बात करें तो उनके पिता का निधन एक एक्सीडेंट में हो गया था। और वह तीन भाई हैं ।उनके दो बड़े भाई जोखन पाल और राजू पाल हैं, जो इस स्टेडियम के खिलाड़ी के तौर पर रहे हैं ।और स्पोर्ट्स कोटे से ही इन्हें सरकारी नौकरी मिली है।
8 वर्ष की उम्र से ही राजकुमार पाल स्टेडियम में खेल रहे हैं
राजकुमार पाल के कोच इंद्रदेव ने बताया कि राजकुमार पाल ने 8 वर्ष की उम्र से ही इस स्टेडियम में खेलना शुरू कर दिया था और बचपन से ही बहुत अनुशासित खिलाड़ी रहा था। उनका इस मुकाम पर पहुंचना मात्र अनुशासन का ही देन रहा है। राजकुमार के अंदर सीखने की ललक बचपन से ही रही है। जिसके वजह से उन्हें आज ओलंपिक में जाने का शानदार मौका मिला और गाजीपुर के नाम को अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन किया।
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