इकबाल और अबुल कलाम आजाद की जयंती : वक्ताओं ने कहा- उर्दू भाषा ही नहीं, हमारी संस्कृति और पहचान भी है

वक्ताओं ने कहा- उर्दू भाषा ही नहीं, हमारी संस्कृति और पहचान भी है
UPT | कार्यक्रम के मंच पर मौजूद अतिथि व आयोजक।

Nov 11, 2024 01:35

जौनपुर के शाहगंज में 9 नवंबर को डॉ. अल्लामा इकबाल का जन्मदिन विश्व उर्दू दिवस के रूप में और 11 नवम्बर को मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया।

Nov 11, 2024 01:35

Jaunpur News : जौनपुर के शाहगंज में 9 नवंबर को डॉ. अल्लामा इकबाल का जन्मदिन विश्व उर्दू दिवस के रूप में और 11 नवम्बर को मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया। इस आयोजन का आयोजन फलाह वेलफेयर ट्रस्ट रजि. के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर शायर अहमद निसार जौनपुरी ने की और मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सरफराज खान, चेयरमैन प्रतिनिधि नगर पंचायत जफराबाद उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. नोमान खान, चेयरमैन सेंट जोसफ ग्रुप ऑफ स्कूल्स ने उर्दू और शिक्षा के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

छात्रा को उर्दू में एमए करने और गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर मोमेंटो देकर सम्मानित किया 
कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज यासिर हसन द्वारा तिलावत-ए-कुरआन से की गई, इसके बाद तबरेज अहमद ने नात-ए-पाक का नज़राना पेश किया। समारोह में मोहम्मद हसन डिग्री कॉलेज की छात्रा रोजी अंसारी को उर्दू में एमए करने और गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद उपस्थित वक्ताओं ने उर्दू और शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखे।

उर्दू बोलने में अरुचि दिखाने पर चिंता व्यक्त की 
मुख्य वक्ता डॉ. नोमान खान ने कहा कि उर्दू सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान है। उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि आज उर्दू को बोलने में मुसलमानों की रुचि कम हो गई है और इसके परिणामस्वरूप हमारी सांस्कृतिक पहचान को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने यह भी बताया कि उर्दू की दुर्दशा के लिए खुद मुसलमान जिम्मेदार हैं, जो उर्दू लिखते तो हैं लेकिन बोलने में असमर्थ होते हैं।

वहीं, डॉ. मोहम्मद चांद बागवान ने शिक्षा के महत्व पर बात करते हुए इस्लाम के महान विद्वानों जैसे इब्न ए सीना और मूसा अल ख्वारिज्मी का जिक्र किया, जिन्होंने अपनी किताबों और योगदान से न केवल इस्लामी दुनिया बल्कि समूचे विश्व में शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया।सार्वजनिक कार्यक्रम में शायर अहमद निसार जौनपुरी, मौलाना अनवार अहमद कासमी, डॉ. सैफ हुसैन खान, रोज़ी अंसारी, मुहम्मद मुज़म्मिल खान, डॉ. सरफराज खान ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम का संचालन मज़हर आसिफ़ ने किया और अंत में संयोजक अजवद कासमी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

समारोह में उपस्थित प्रमुख व्यक्तिों में संरक्षक अनवारुल हक़ अनवार दुलारे, मोनिस जौनपुरी, अकरम जौनपुरी, अहमद हफ़ीज़, अंसार जौनपुरी, डॉ. अरीबुज़्ज़माँ, डॉ. फैज़ अहमद, डॉ. फ़हीम अहमद, क़ाज़ी फैज़ अहमद, शाहनवाज़ मंज़ूर, आरिफ खान, इरफान इकबाल, मोहम्मद मुज़म्मिल, सलिमुल्लाह खान, डॉ. अर्शी, मेराज खान, अलमास अहमद, अबुज़र शेख, अज़हरुद्दीन, मोहम्मद अली, रोजी अंसारी, अज़ीज़ फरीदी, डॉ. अब्दुल क़य्यूम आदि मौजूद रहे।

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