दीपावली पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम की आरती उतारी। इस दौरान नफरत फैलाने वाले जेहादियों के खिलाफ एकता का संदेश दिया। महिलाओं ने थाली में सजावटी दीप, रोरी और अक्षत के साथ भगवान की आरती उतारी।
Varanasi News : मुस्लिम महिलाओं ने उतारी भगवान राम आरती, सांप्रदायिक एकता और शांति का दिया संदेश
Oct 31, 2024 16:34
Oct 31, 2024 16:34
500 वर्षों के बाद अयोध्या में बना भव्य मंदिर
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर 500 वर्षों के बाद अयोध्या में बनकर तैयार हुआ है, और यह पहली दीपावली है जब भगवान राम की आरती का यह आयोजन यहां किया गया है। उन्होंने कहा कि 14 साल के वनवास के बाद प्रभु श्रीराम जब अयोध्या लौटे थे, तब पूरे भारत में खुशियों के दीप जलाए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि राम केवल हिंदुओं के नहीं, बल्कि पूरे भारत की संस्कृति और दिलों के हैं। उनके प्रति श्रद्धा और प्रेम सभी भारतीयों के हृदय में बसता है, और मुस्लिम महिलाएं भी इससे अछूती नहीं हैं।
महिलाओं की भागीदारी
इस आयोजन में पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालकदास महाराज ने भी श्रीराम स्तुति कर महिलाओं का साथ दिया और सांप्रदायिक भेदभाव खत्म करने का संदेश दिया। महंत बालकदास ने मुस्लिम महिलाओं के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन दिलों को जोड़ने का एक अनूठा उदाहरण है, जो सांप्रदायिक एकता और सांस्कृतिक सौहार्द्र को बढ़ावा देता है।
दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों को शांति का संदेश
मुस्लिम महिलाएं वर्ष 2006 से भगवान श्रीराम की आरती में भाग लेकर सांप्रदायिक एकता और सौहार्द्र का संदेश देती आ रही हैं। इसके माध्यम से वे समाज में आपसी समझ और सहिष्णुता को बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। इस अवसर पर नाजनीन अंसारी ने फिलिस्तीन, इजराइल, लेबनान, सीरिया, यूक्रेन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों को भी चिट्ठी लिखकर भगवान राम की भक्ति से प्रेरणा लेने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भगवान राम का मार्ग शांति का मार्ग है, और यदि दुनियाभर के नेता इस संदेश को अपनाएं, तो युद्ध और हिंसा का अंत हो सकता है।
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