बनारस हिंदू विश्वविद्यालय : 4000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला संस्थान, वैश्विक रैंकिंग में पिछड़ा

4000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला संस्थान, वैश्विक रैंकिंग में पिछड़ा
UPT | Banaras Hindu University

Jul 21, 2024 15:56

एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है जो अपने विशाल परिसर के लिए जाना जाता है। बीएचयू का मुख्य परिसर लगभग 1370 एकड़ में फैला हुआ है, जबकि मिर्जापुर जिले में स्थित इसका दक्षिणी...

Jul 21, 2024 15:56

Short Highlights
  • बीएचयू की स्थापना 1916 में हुई थी
  • बीएचयू का मुख्य परिसर लगभग 1370 एकड़ में फैला हुआ है
  • क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में यह 1001-1200 के बीच स्थान पर है
Varanasi News : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है, जिसकी स्थापना 1916 में हुई थी। यह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है जो अपने विशाल परिसर के लिए जाना जाता है। बीएचयू का मुख्य परिसर लगभग 1370 एकड़ में फैला हुआ है, जबकि मिर्जापुर जिले में स्थित इसका दक्षिणी परिसर करीब 2700 एकड़ क्षेत्र में है। कुल मिलाकर, विश्वविद्यालय का कुल क्षेत्रफल 4000 एकड़ से अधिक है।

एशिया में 119वें स्थान पर
हालांकि, इस विशाल भूमि संपदा के बावजूद, बीएचयू की वैश्विक शैक्षणिक रैंकिंग में स्थिति उतनी प्रभावशाली नहीं है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में यह 1001-1200 के बीच स्थान पर है, जबकि एशिया में 199वें स्थान पर है। यह आंकड़े संस्थान की शैक्षणिक गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हैं।

तुलनात्मक दृष्टि से, विश्व के अग्रणी संस्थान जैसे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) का कैंपस मात्र 168 एकड़ में फैला हुआ है। भारत में, आईआईटी दिल्ली 325 एकड़ और आईआईटी बॉम्बे 545 एकड़ के क्षेत्र में कार्यरत हैं। यह तुलना दर्शाती है कि शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए विशाल भूमि क्षेत्र आवश्यक नहीं है।

एनआईआरएफ बेहतर प्रदर्शन 
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में बीएचयू का प्रदर्शन बेहतर है, जहां यह विश्वविद्यालय श्रेणी में 5वें स्थान पर है। इस सूची में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, और जादवपुर विश्वविद्यालय शीर्ष स्थानों पर हैं। बीएचयू के पास अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने की अपार संभावनाएं हैं। इसके विशाल परिसर में कई नए संस्थान स्थापित किए जा सकते हैं, जो आईआईटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की तर्ज पर काम कर सकते हैं। 

गुणवत्ता में आई गिरावट
बीएचयू की वर्तमान स्थिति उत्तर भारत, विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करती है। पिछले कुछ दशकों में, इन क्षेत्रों के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप, इन राज्यों के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के विकल्प सीमित हो गए हैं, जिससे वे दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की ओर आकर्षित होते हैं। 

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