फास्ट ट्रैक कोर्ट में बेटी की जिरह टलने के बाद, पीड़िता की मां ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और वाराणसी के जिला जज को ई-मेल भेजकर अपनी स्थिति बताई। उन्होंने कहा कि बार-बार पेशी पर जाने से उनकी बेटी पर मानसिक दबाव पड़ रहा है...
IIT-BHU गैंगरेप मामला : पीड़िता की मां ने हाईकोर्ट से लगाई गुहार, बार-बार पेशी से बेटी परेशान
Jan 04, 2025 14:16
Jan 04, 2025 14:16
क्या बोली पीड़िता की मां
दरअसल, पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी बेटी बेंगलुरु में इंटर्नशिप कर रही है और 31 जनवरी के बाद ही वाराणसी लौटेगी। बार-बार पेशी पर आने से बेटी मानसिक रूप से थक चुकी है। वह केवल न्याय के लिए लड़ाई लड़ रही हैं और आरोपियों को सजा दिलाना चाहती हैं, लेकिन स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोर्ट को इस मामले पर विचार करना चाहिए। पीड़िता की मां ने यह भी बताया कि उनका परिवार बेंगलुरु में रहता है और उन्होंने अपनी 20 वर्षीय बेटी का दाखिला IIT-BHU वाराणसी में देश के कानून के भरोसे कराया था।
मामला दर्ज होने के बाद भी नहीं पकड़े गए आरोपी
पीड़िता की मां ने कहा कि 2 नवंबर, 2023 को उनकी बेटी के साथ दरिंदगी की गई, इसे लेकर लंका थाने में गैंगरेप का मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन आरोपी तब तक नहीं पकड़े गए थे। करीब दो महीने बाद पुलिस ने तीन आरोपियों कुणाल पांडे, सक्षम पटेल और आनंद चौहान उर्फ अभिषेक चौहान को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा चलाया गया था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि छह महीने के भीतर इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद पीड़िता पर इसका गहरा मानसिक असर पड़ा है, जिससे उसकी स्थिति और भी गंभीर हो गई।
सात महीने बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई
वहीं सात महीने के बाद इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हुई, जो 18 जुलाई, 2024 से चल रही थी। 22 अगस्त तक पीड़िता ने अपना बयान दर्ज कराया, लेकिन इस बीच आरोपियों को जमानत मिल गई थी। आरोपियों की मौजूदगी में उसे कोर्ट में 12 बार तलब किया गया था। पीड़िता को 8 बार जिरह का सामना करना पड़ा, जबकि चार बार वह अलग-अलग कारणों से कोर्ट नहीं जा सकी। हर बार जब उसे कोर्ट बुलाया जाता है, तो उसके लिए यह कठिन हो जाता है क्योंकि उसे बार-बार उसी दर्दनाक घटना को याद करना पड़ता है।
मानसिक रूप से टूट चुकी है पीड़िता
पीड़िता की मां ने बताया कि इस मामले के कारण उनकी बेटी मानसिक रूप से पूरी तरह से टूट गई थी, लेकिन परिवार और करीबी लोगों ने उसका सहारा लिया। हालांकि, बार-बार कोर्ट में जाना और आरोपियों का सामना करना उसके लिए मुश्किल साबित हो रहा है। इसके चलते वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही है। नवंबर और दिसंबर में होने वाली उसकी परीक्षाएं भी सही तरीके से नहीं हो पाईं, क्योंकि गैंगरेप और कोर्ट केस का उस पर गहरा असर पड़ा है, जिससे उसके प्रोजेक्ट वर्क और इंटर्नशिप सत्र भी प्रभावित हुए हैं।
कोर्ट से की अपील
पीड़िता की मां ने कोर्ट से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि बलात्कार एक ऐसा अपराध है, जिससे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार का कष्ट होता है। जब भी उनकी बेटी को कोर्ट में जिरह के लिए बुलाया जाता है, तो उसे फिर से उस जघन्य अपराध की याद दिलाई जाती है। बचाव पक्ष के वकील भी उसी अपराध पर सवाल पूछते हैं, जिससे पीड़िता को बार-बार मानसिक रूप से आघात पहुंचता है। मां ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल विचार करें और सुनिश्चित करें कि पीड़िता को बार-बार अपमानित न किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि POCSO के मामलों की तरह इस केस में भी कुछ सीमाएं निर्धारित होनी चाहिए।
कोर्ट में वर्चुअल पेशी की मांग
पीड़िता ने कोर्ट में वर्चुअल पेशी की मांग करते हुए बताया कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं और कोर्ट के चक्कर काटने से उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके बाद जज ने पीड़िता को वर्चुअल पेशी और जिरह की अनुमति दी, यह निर्णय लिया गया कि कोर्ट विशेष वीटनेस रूम से सुनवाई करेगा और वहां की स्थिति की निगरानी करेगा। कोर्ट में चारों ओर कैमरे लगाकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ पीड़िता ही कमरे में हो और अन्य कोई व्यक्ति नहीं हो।
आरोपियों ने जमानत के लिए दी अर्जी
बता दें कि वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद, आरोपी आनंद ने सबसे पहले 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की। इस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीखें बढ़ती रहीं। आनंद ने परिवार के सदस्य की बीमारी सहित कई कारण बताए, जिसके बाद कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार की, लेकिन कई शर्तें भी रखी। आनंद के जमानत मिलने के तुरंत बाद, दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को जमानत याचिका दायर की, जिसे 4 जुलाई को कोर्ट ने स्वीकार किया। हालांकि, जमानतदारों के वैरिफिकेशन में समय लगने के कारण उसकी रिहाई 24 अगस्त को हो पाई।
तीनों आरोपी बरी
इसके बाद, 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, जिसे कुछ दिन बाद गैंगरेप में जमानत दी गई, लेकिन गैंगस्टर के मामले में आपत्ति दाखिल कर दी गई। गैंगस्टर के केस में सक्षम पटेल की जमानत याचिका 16 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा खारिज कर दी गई। इसके बाद, पटेल ने डबल बेंच में अपील की, जहां कोर्ट ने सभी पहलुओं को सुनने के बाद पुलिस रिपोर्ट तलब की। पुलिस द्वारा कमजोर रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद अभियोजन की ओर से बहस कमजोर रही, और इस कारण सक्षम पटेल को जमानत मिल गई।
ये भी पढ़ें- संभल शाही मस्जिद मामले में नया मोड़ : मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका, जिला अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग
Also Read
6 Jan 2025 03:38 PM
सोमवार को चंदौली में एक बड़ा रेल हादसा होते-होते रह गया, जब कालका मेल के B1 कोच की स्प्रिंग टूटने के बावजूद ट्रेन चलती रही। अचानक हुई इस खतरनाक स्थिति ने सभी को चौंका दिया, लेकिन समय रहते रेलवे कर्मचारियों की... और पढ़ें