हाथरस में नारायण सरकार बाबा द्वारा आयोजित सत्संग में भगदड़ मचने से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस घटना पर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती
Varanasi News : हाथरस हादसे के लिए संत समिति ने नारायण सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कड़ी कार्रवाई की मांग
Jul 04, 2024 21:47
Jul 04, 2024 21:47
आरोपों की गहन जांच की मांग
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने नारायण सरकार बाबा को तथाकथित बाबा बताते हुए कहा कि हाथरस की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। घटना को लेकर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए। इन सभी आरोपों की गहन जांच की मांग की।
हत्या की साजिश रचने के मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि जो लोग अंधविश्वास, अंधश्रद्धा, भेदभाव और असमानता उन्मूलन जैसे प्रोजेक्ट चलाते हैं, वे आज कहां गायब हो गए हैं? महाराष्ट्र के तथाकथित दलितवादी नेता, अब चुप क्यों हैं?" उन्होंने आरोप लगाया कि इस तथाकथित बाबा ने अपने अनुयायियों को अपना चरण रज देने के नाम पर रेत पर चलने के लिए मजबूर किया, जिससे भगदड़ मची और लोग घायल हो गए। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने मांग की कि अगर यह घटना सच है, तो हत्या की साजिश रचने के मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली योजना को अनुमति नहीं
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि किसी भी प्रकार की अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली योजना को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी प्रकार की साजिश या अव्यवस्था से बचने के लिए सरकार को एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी।
उत्तर प्रदेश में 16 प्रमुख तीर्थ क्षेत्र
उन्होंने कहा इसके लिए सरकार को 15 दिन पहले से ही एहतियाती कदम उठाने चाहिए। अकेले वाराणसी जैसे शहर में, गढ़वाघाट में, 10 लाख से अधिक लोग आते हैं। इसी संख्या में त्रिकुंड और पड़ाव पीठ में भक्त उपस्थित रहते है। इसके अलावा शहर में ऐसे कई मठ और पीठ जहां 10-15 हजार शिष्य अपने गुरु से आशीर्वाद लेने जाते हैं। उत्तर प्रदेश में 16 प्रमुख तीर्थ क्षेत्र हैं, जहां भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। इस भीड़ में कोई साजिश नहीं होनी चाहिए, कोई अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए।
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म का अपमान नहीं होना चाहिए। जो व्यक्ति हैट कोट पैंट पहनकर रहता हो, ऐसे व्यक्ति को बाबा कहना धर्म का मखौल उड़ाता है, तत्काल इसे बाबा कहने पर रोक लगनी चाहिए।
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