काशी विश्वनाथ की नगरी में रोप-वे का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब वाराणसी की सड़कों पर लगने वाले लंबे-लंबे जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।
वाराणसी में रोप-वे का इंतजार जल्द होगा खत्म : अब सड़कों पर जाम में नहीं फंसेंगे श्रद्धालु, जानिए क्या होगा इसका रूट
![अब सड़कों पर जाम में नहीं फंसेंगे श्रद्धालु, जानिए क्या होगा इसका रूट](https://image.uttarpradeshtimes.com/varanasi-urban-rope-way-transport-42796.jpg)
Jun 28, 2024 14:50
Jun 28, 2024 14:50
- रोप-वे वाला देश का पहला शहर बनेगा वाराणसी
- हर घंटे 6000 यात्री करेंगे सफर
- मेट्रो की तर्ज पर होगा केबल कार का संचालन
रोप-वे वाला देश का पहला शहर
वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। पीएम मोदी वाराणसी को जापान के क्योटो की तरह बनाने की बात करते हैं। वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अर्बन रोप-वे प्रोजेक्ट का प्लान तैयार किया गया था। पीएम मोदी ने 1780 करोड़ रुपये से अधिक की इस परियोजना का शिलान्यास 24 मार्च 2023 को किया था। वाराणसी देश का पहला और दुनिया का तीसरा शहर होगा, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा। बोलिविया की राजधानी ला पाज और मेक्सिको में रोप-वे का इस्तेमाल किया जाता है।
किन रूट से गुजरेगा रोप-वे?
वाराणसी के अर्बन रोप-वे ट्रांसपोर्ट का काम दो फेज में पूरा किया जाना है। पहले चरण में कैंट से रथयात्रा तक कुल 18 टावर लगाए जाने हैं। वहीं दूसरे फेज में रथयात्रा से गोदौलिया तक 10 टावर बनाए जाएंगे। रोप-वे की कुल दूसरी 3.85 किलोमीटर होगी, जिसे मात्र 15 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। फिलहाल सड़क से यह दूरी तय करने में 1 घंटे से भी ज्यादा का समय लगता है। रोप-वे के रूट में कुल 5 स्टेशन बनाए जाने हैं। इसमें से केवल 4 स्टेशन यात्रियों के चढ़ने-उतरने के लिए होंगे, जबकि पांचवां स्टेशन तकनीकी कारणों के लिए होगा। 4 स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन पर, दूसरा विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा, चौथा गिरिजाघर और अंतिम स्टेशन गोदौलिया पर होगा।
हर घंटे 6000 यात्री करेंगे सफर
रोप-वे से कुल 148 गोंडोला का संचालन होना है। इसके लिए 10 से अधिक गोंडोला आ भी चुकी हैं। यात्रियों की सहूलियत के लिए 10 सीटों वाली केबल कार चलाने की तैयारी है। शुरुआत में कुल 18 केबल कार रोपवे में चलाए जाएंगी। हालांकि रोप-वे को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि जरूरत पड़ने पर केबल कार की संख्या बढ़ाई जा सके। लोगों की संख्या बढ़ने के लिए साथ ही केबल कार की संख्या में इजाफा किया जाएगा। हर घंटे एक तरफ से 3000 यात्री, यानी दोनों तरफ से करीब 6000 यात्री सफर कर सकेंगे। सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, जिसकी पूरी देखरेख कार्यदायी संस्था कर रही है। ट्रायल रन के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि यात्रियों की सुविधा के लिए इसे कब शुरू करना है।
वाराणसी के लिए काफी महत्वपूर्ण है प्रोजेक्ट
वाराणसी के जाम से हर कोई वाकिफ है। कई बार तो इतना भयंकर जाम लगता है कि 10 मिनट की दूरी भी 1 घंटे में पूरी होती है। रोप-वे की शुरुआत कैंट से की जा रही है। वाराणसी आने वाले पर्यटकों के लिए यह सेंटर प्वाइंट है, क्योंकि यहीं पर रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन दोनों मौजूद हैं। रोप-वे चलने से न सिर्फ पर्यटकों को जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि इससे पूरे शहर का एरियल व्यू भी दिखेगा। इस प्रोजेक्ट को पूरी तरीके से 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। केवल कारों को मेट्रो की तर्ज पर रात 10 बजे तक चलाया जाएगा।
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