काशी ने 2025 के आगमन को भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाने की शुरुआत कर दी है। विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के आयोजन ने दशाश्वमेध घाट पर अद्वितीय छटा बिखेरी।
वाराणसी में 2100 दीपों से लिखी गईं मंगलकामनाएं : विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के साथ हुआ 2025 का स्वागत, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
Dec 31, 2024 20:45
Dec 31, 2024 20:45
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित इस आरती में मां गंगा की आराधना के साथ देश और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की गई। आशीष तिवारी, गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष, ने बताया कि यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जनता को समर्पित था। उन्होंने कहा कि 2024, जो एक ऐतिहासिक वर्ष साबित हुआ, अब विदा ले रहा है। इस वर्ष अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण हुआ, जो धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर है।
धार्मिक और सांस्कृतिक समर्पण
आशीष तिवारी ने आगे कहा कि अयोध्या का राम मंदिर और काशी का काशी विश्वनाथ मंदिर एक-दूसरे के पूरक हैं। अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को काशी आने की प्रेरणा मिलती है और काशी आने वाले श्रद्धालु अयोध्या जाने की लालसा रखते हैं। यह संबंध हमारी संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि 2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ भी अपनी भव्यता और ऐतिहासिकता के लिए याद किया जाएगा।
महाकुंभ 2025 की तैयारी
गंगा आरती के दौरान, मां गंगा के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। देश-विदेश से आए पर्यटकों ने इस भव्य आयोजन में भाग लिया और बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर नए साल का स्वागत किया। घाटों पर सजी दीपमालाएं और "जय मां गंगे" के नारों ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। काशी में इस भव्य आयोजन के साथ 2025 की शुभ शुरुआत की गई है, और आने वाले दिनों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना है।
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