Agra News : विकास प्राधिकरण इन दिनों अवैध अतिक्रमण पर लगातार बुलडोजर चला रहा है, लेकिन विकास प्राधिकरण का यह बुलडोजर उधर दिखाई नहीं देता जहां पर शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण बगैर किसी रोक-टोक के खड़े हो जाते हैं, और अधिकारियों की इन पर नजर तक नहीं पड़ती। आख़िर यह कैसे संभव है कि एक बहुमंजिला इमारतें शहर में खड़ी हो जाती हैं और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगे। लेकिन ऐसा आगरा के विकास प्राधिकरण में पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है।
यहां के जे.ई., एई ही नहीं कहीं न कहीं अधिशासी अभियंता भी इस अवैध अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं। यह हालत तब हैं जब मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी लगातार अवैध आक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने के दिशा निर्देश दे रही हैं। विकास प्राधिकरण के अधिकारी उनकी आंखों में धूल झोंकने का काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। आगरा के पुराने शहर में खड़ी हो रही अवैध अतिक्रमण की यह मनचला इमारतें तो यही बता रही हैं।
आगरा विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी शहर को डेवलप करने के साथ-साथ अवैध निर्माणों की रोकथाम करना भी है, लेकिन विकास प्राधिकरण के अधिकारी सिर्फ उन्हें अतिक्रमण पर अपनी अपनी बंदिशे थोपते हैं, जहां से उन्हें हरी पत्तियां नसीब नहीं होती। ऐसा ही कुछ कोतवाली वार्ड में दिखाई दे रहा है। पुराना शहर कहे जाने वाले कोतवाली वार्ड में अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई है। जिसने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि समग्र शहर के विकास पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, अवैध निर्माण करने वाले लोगों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि उन्हें न तो मण्डलायुक्त का खौफ और न ही प्रदेश सरकार के बुलडोजर का भय। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की शह से ऐसे अवैध अतिक्रमणकारी दबंगई के साथ बेखौफ़ होकर शहर की सूरत बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।
हाल ही में सामने आई एक घटना ने विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नूरी दरवाजा में आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा लगाई गई सील को एक दबंग ने बेखौफ होकर तोड़ दिया और अपने कार्य को शुरू कर दिया। यह सीधे शासन को चुनौती देकर क़ानून की धज्जियाँ उड़ाने का मामला ही नहीं है बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासन स्थायी रूप से अवैध गतिविधियों के विराम लगाने में असमर्थ है। जब उच्चाधिकारियों के पास ऐसी शिकायतें पहुंचती हैं, तो अक्सर कार्रवाई का अनुपात नकारात्मकता की ओर जाता है।
पूरे शहर में इस प्रकार के अवैध निर्माण कार्यों के बढ़ने के पीछे केवल भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि, यह समस्या सामाजिक और प्रशासनिक तंत्र में मौजूद कमजोरियों की ओर इशारा करती है। आखिरकार, यदि प्रशासन ऐसे मामलों को अनदेखा करता है, तो इसका नतीजा गंभीर हो सकता है। शहर का ढाँचा, सुरक्षा, और स्थानीय निवासियों का जीवन एक गंभीर संकट में पड़ सकता है।
इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह सिद्ध होगा कि भ्रष्टाचार और भू माफिया का राज न केवल कायम रहेगा, बल्कि और भी बढ़ेगा। स्थानीय लोग अब यह जानना चाहते हैं कि प्रशासन कब तक ऐसे मामलों पर पर्दा डालेगा और कब तक अवैध निर्माण करने वाले लोग खुलेआम कानून की अवहेलना करते रहेंगे।
आगरा में कानून का तंत्र यदि प्रभावी होना है, तो इसे सभी स्तरों पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। अवैध निर्माण के बढ़ते इस संकट का हल तभी संभव है जब प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करने के लिए तत्पर हो और समाज में कानून के प्रति सम्मान को पुनर्स्थापित करने में सक्षम हो। अवैध अतिक्रमण को लेकर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं सचिव से को लेकर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
नगर निगम में कबाड़ से तैयार की जा रही महापुरुषों, पशु-पक्षियों की कलाकृतियों को शहर के सेल्फी प्वाइंट विभिन्न चौराहों और मार्गों पर स्थापित कराया जाएगा... और पढ़ें