आगरा नगर निगम के कंधों पर शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी है। लेकिन, निगम अपनी जिम्मेदारियों से भागता हुआ दिखाई दे रहा है। शहर में तमाम ऐसे नाले और नालियां हैं, जो खुले हुए हैं। अगर कोई व्यक्ति उनमें गिर जाए तो उनकी मौत निश्चित...
Agra News : नगर निगम की लापरवाही से बेकसूर की जान गई, जेई और सुपरवाइर पर गाज गिरी...
Jan 09, 2025 11:19
Jan 09, 2025 11:19
- नगर निगम के अवर अभियंता पवन कुमार के निलंबन की शासन से संस्तुति।
- हादसे के बाद निर्माण सुपरवाइजर को निलंबित किया गया।
नगर आयुक्त ने की कार्रवाई
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने इस घटना के बाद कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने अवर अभियंता पवन कुमार के निलंबन की संस्तुति शासन से की है और निर्माण सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता, जोनल अधिकारी अवधेश कुमार और जेडएसओ राजीव बालियान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ऐसे हुआ हादसा
मृतक के भाई विष्णु कुमार उर्फ टानी फास्टर ने बताया कि प्रकाश नगर निवासी 45 वर्षीय राजेश कुमार जूता फैक्ट्री में कार्य करते थे। मंगलवार की रात करीब साढ़े आठ बजे पैसों का हिसाब करने के लिए स्कूटी से आजमपाड़ा गए थे। अंधेरे में उन्हें गड्ढा दिखाई नहीं दिया और स्कूटी गड्ढे में गिर गई। राजेश कुमार उछलकर दूर जा गिरे। उनके सिर में चोट लगी। आसपास के लोग उन्हें एसएन इमरजेंसी ले गए, जहां बुधवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक के पुत्र समीर ने थाना शाहगंज में तहरीर दी है।
खुले नाले दे रहे मौत को आमंत्रण
कांग्रेस पार्षद शिरोमणि सिंह, पूर्व सपा पार्षद राहुल चौधरी ने कहा कि इस घटना के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। परिवार को मुआवजा दिया जाए। क्षेत्रीय भाजपा पार्षद रवि दिवाकर और बसपा पार्षद रेखा भास्कर ने भी परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। धरने पर बैठे भाकियू कार्यकर्ता पवन समाधिया ने कहा कि पीड़ित परिवार को मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी दिलाई जाए। मौके पर एसडीएम सदर पहुंची। नगर निगम के सहायक अभियंता अशोक प्रिय गौतम ने लोगों को समझाने का प्रयास किया।
परिवार के सामने आर्थिक संकट
राजेश कुमार परिवार के इकलौते कमाऊ व्यक्ति थे। उनकी मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। राजेश कुमार की पत्नी के साथ उनकी दो बेटियां और एक पुत्र है। बड़ी बेटी ग्रेजुएशन कर रही है। पुत्र इंटरमीडिएट में पढ़ रहा है। तीसरी बेटी भी पढ़ रही है। पुत्र समीर ने बताया कि अब उनके भविष्य में अंधकार है, न तो जमा पूंजी और न ही कमाई का कोई जरिया। उन्होंने सरकार से मुआवजा दिलाने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।
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