आगरा में अभी तक ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाएं पकड़ी जाती रही हैं, इसके साथ ही सरकारी दवाओं के सैंपल भी बड़ी मात्रा में पकड़े गए हैं। पहली बार ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एंटी रेबीज वैक्सीन की बड़ी...
Jul 14, 2024 18:12
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Agra News : आगरा में अभी तक ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाएं पकड़ी जाती रही हैं, इसके साथ ही सरकारी दवाओं के सैंपल भी बड़ी मात्रा में पकड़े गए हैं। पहली बार ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एंटी रेबीज वैक्सीन की बड़ी मात्रा में खेप पकड़ी गई है। यह एंटी रेबीज वैक्सीन कहीं और की नहीं बल्कि बिहार सरकार की है, इस पर साफ लिखा हुआ है बिहार गवर्नमेंट, नॉट फॉर सेल।
बड़ी मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सीन बरामद
आगरा पुलिस कमिश्नरी सिटी जोन के थाना हरी पर्वत पुलिस को जानकारी मिली थी कि आगरा में एंटी रेबीज वैक्सीन की बड़ी खेप खपाई जा रही है। हरी पर्वत पुलिस ने मुखबिर की सूचना गोदाम पर छापा मार्ग कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सीन बरामद की है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि यह एंटी रेबीज वैक्सीन तस्करी के माध्यम से आगरा लाई गई है। पुलिस के अनुसार यह दवाइयां एक कोरियर कंपनी के यहां छापे के दौरान मिली हैं। पुलिस द्वारा बरामद मालकिन सैंपलिंग के लिए ड्रग विभाग को भी जानकारी देकर बुलाया गया और इस माल की कोल्ड चैन बना कर सैंपलिंग कर हिमाचल प्रदेश जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने जांच के लिए सैंपल लेने के बाद इस माल को सीज कर दिया है।
7 फरवरी को बरामद हुई थी 40 लाख की दवाइयां
बताते चलें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब आगरा में सैंपल की दवाइयां का जखीरा मिला हो। आगरा नकली और सैंपल की दवाओं की बड़ी मंडी बनता दिखाई दे रहा है। यही नहीं दवा माफियाओं ने सेना की दवाइयों को भी नहीं छोड़ा है। फरवरी में आगरा के दवा बाजार में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा रेड डाली गई थी जिसमें सेना की दवाइयां भारी मात्रा में पकड़ी गई थी। फरवरी में 7 लोगों को इस मामले में दबोचा था और करीब 40 लाख की दवाइयां बरामद की थी। इंडिया की ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाइयां कई बार यहां पर मिल चुकी हैं। इसके बावजूद आगरा में यह बाजार कम होने की जगह और फलता फूलता दिखाई दे रहा है।
दवा बाजार हो चुका है बदनाम
आगरा का दवा बाजार बदनाम हो चुका है, नहीं स्वास्थ्य विभाग के ड्रग विभाग इस बार भी खाली हाथ दिखाई दे रहा है। बाहर की एजेंसियां आती हैं और अपना काम करके चली जाती है लेकिन ड्रग विभाग को पता ही नहीं चलता। इस बार भी पुलिस की रेड की कोई जानकारी ड्रग विभाग को नहीं थी, पुलिस ने जब ड्रग विभाग को सैंपल के लिए बुलाया गया तब ड्रग विभाग को जानकारी हुई। ड्रग विभाग के अधिकारियों पर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं, बावजूद इसके इनकी कार्यशैली पर कोई प्रभाव पड़ता दिखाई नहीं दे रहा।