Jul 03, 2024 20:08
https://uttarpradeshtimes.com/agra/hathras-main-accused-sp-singh-alias-bholebaba-has-gone-to-jail-in-agra-even-today-his-followers-are-reaching-his-old-residence-and-paying-obeisance-26288.html
Agra News : मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में हुए वीभत्स हादसे में 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। घटना के मुख्य आरोपी को सूरज पाल सिंह कहें, सत्य नारायण कहें या फिर साकार विश्व हरि नाम... यह सभी नाम एक ही व्यक्ति के हैं। जो भी कहें यह आगरा में 224/2000 के एक मामले में जेल की हवा खा चुका है। उक्त मामले में साक्ष्य के अभाव में न्यायालय से बरी कर दिया गया था। उधर, देर रात शाहगंज थाना क्षेत्र के केदार नगर में यूपीटी की टीम पहुंची तो सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा की पूरी कहानी यहां के निवासियों ने बयां की। लोगों ने बताया कि करीब 15 से 18 साल पहले सूटबूट वाले बाबा उर्फ एसपी सिंह परिवार के साथ यहीं रहते थे। अनुयायी उनके आवास को बाबा की कुटिया कहते हैं। मगर, ये बाबा का सेफ हाउस है। आगरा से ही भोले बाबा ने भोले वाले अनुयायियों को जोड़कर अपना साम्राज्य खड़ा किया है।
17 साल पहले नौकरी छोड़कर एसपी सिंह बाबा बन गए
कासगंज जिले की पटियाली तहसील के गांव बहादुरनगर निवासी सूरजपाल सिंह (एसपी सिंह) 17 साल पहले यूपी पुलिस में सिपाही थे। तब एसपी सिंह आगरा के शाहगंज में केदार नगर स्थित आवास में परिवार के साथ रहते थे। 17 साल पहले नौकरी छोड़कर एसपी सिंह बाबा बन गए और प्रवचन देने लगे। सूटबूट पहनकर प्रवचन देने के अनोखे अंदाज के कारण वे जल्दी ही चर्चा में आ गए। धीरे धीरे एसपी सिंह को लोग नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के नाम से पुकारने लगे। फिलवक्त यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं।
एसपी सिंह उर्फ भोले बाबा पुलिस में करते थे नौकरी
केदारनगर के लोगों ने बताया कि जब एसपी सिंह उर्फ भोले बाबा पुलिस में नौकरी करते थे तो यहीं पर रहते थे। तब ये मकान पूरा भी नहीं बना था। इसी मकान के आसपास के लोग ही भोले बाबा के पहले अनुयायी बने। इसके बाद मकान पर सत्संग सुनने के लिए काफी लोग पहुंचने लगे। भोले बाबा के अनुयायियों में अशिक्षित व कम पढ़े-लिखे ज्यादा हैं। इसी दौरान भोले बाबा ने घर के बाहर लगे हैडपंप का पानी पिलाकर लोगों को ठीक करने का दावा कर दिया। इसके बाद सुबह और शाम मकान के बाहर आसपास के साथ ही दूसरे जिलों से लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। फिलहाल बाबा यहां नहीं आते हैं। ऐसे में नमन, भजन, सत्संग और साफ सफाई स्थानीय अनुयायियों द्वारा किया जाता है।
स्थानीय लोगों का भी छलका दर्द
बातचीत में स्थानीय लोगों का भी दर्द छलक उठा, बोले सभी अपने अपने तरीके से भगवान की पूजा करते हैं। हम इसका विरोध नहीं करते हैं, मगर जब 15 साल से अधिक समय हो गया। भोले बाबा यहां पर नहीं आते हैं। इसके बाद ही हर दिन सुबह और शाम उनके पुराने मकान पर अनुयायी पहुंचते हैं। जिससे गली बंद हो जाती है। सत्संग के दौरान कई बार लोगों की बाइक और अन्य सामान भी चोरी हो जाता है।
भोले बाबा उर्फ एसपी सिंह की कोई संतान नहीं
केदारनगर निवासी पंकज ने बताया कि भोले बाबा उर्फ एसपी सिंह की कोई संतान नहीं है। उन्होंने अपनी भतीजी को गोद लिया था, जिसे कैंसर बताया गया था। भोले बाबा का दूसरे शहर में सत्संग था। जब वे लौट कर आए तो भतीजी की मौत हो गई। भतीजी की मौत पर खूब चर्चा हुई थी। इस दौरान अनुयायियों ने मलका चबूतरा पर खूब हंगामा किया था। अनुयायियों का दावा है कि बाबा ने भतीजी को जिंदा कर दिया। तब भोले बाबा को पुलिस लेकर गई थी और अनुयायियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा था। फिलहाल अब भी यहां अनुयायी आते हैं। यहां महिला श्रद्धालु अपनी साड़ी के पल्लू और लोग अपने अंग वस्त्रों से कुटिया का साफ करते हैं।
120 लोगों से अधिक की मौत
बहरहाल, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एसपी सिंह उर्फ़ सत्य नारायण उर्फ़ साकार हरि नाम उर्फ़ भोले बाबा के इस व्यक्ति के चलते 120 लोगों से अधिक की मौत हो चुकी है और करीब 100 के आसपास घायल हैं। पुलिस भोलेबाबा को खोजने में जुटी है। उधर, पुलिस प्रशासन पीड़ितों को राहत देने में जुटा हुआ है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक भी घटना स्थल पर पहुंच कर जायजा ले चुके हैं। बुधवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी हाथरस घटना में घायल पीड़ितों से मिलने के लिए पहुंचे। इस वीभत्स घटना में भक्तों के साथ साथ पुलिस -प्रशासन के लोग भी घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को हर संभव सहायता के दिशा निर्देश दिए हैं।