मथुरा में दहेज लोभियों ने विवाहिता और उसकी नाबालिग बेटी को बेघर कर दिया। दहेज की मांग को लेकर विवाहिता और उसकी बेटी के साथ मारपीट की गई, उन्हें कमरे में बंद रखा गया और फिर मायके छोड़ दिया गया।
दहेज की लालच में मां-बेटी को किया बेघर : मारपीट कर कमरे में बंद रखा, ससुराल पक्ष पर मामला दर्ज
Sep 07, 2024 20:27
Sep 07, 2024 20:27
दहेज की मांग और उत्पीड़न की शुरुआत
पीड़िता समा उर्फ़ सुमन, जो मूल रूप से डांगौली गांव की निवासी हैं, की शादी सात साल पहले राजस्थान के भरतपुर जिले के रूपवास थाना क्षेत्र के महलपुर गांव में हुई थी। शादी के कुछ वर्षों के बाद ही ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग करना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही सुमन का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न शुरू हो गया।
मां-बेटी के साथ बेरहमी से मारपीट
11 मार्च को ससुराल वालों ने सुमन और उसकी नाबालिग बेटी के साथ बेरहमी से मारपीट की। इसके बाद उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया। इस क्रूरता के बाद भी ससुराल वालों का दिल नहीं पिघला, और उन्होंने सुमन और उसकी बेटी को उसके मायके छोड़ दिया। सुमन ने पहले इस घटना की शिकायत राजस्थान के रूपवास थाना पुलिस से की, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ससुराल पक्ष पर मामला दर्ज
न्याय न मिलने पर सुमन ने मथुरा के मांट थाने में अपने पति विष्णु उर्फ़ विशन, ससुर प्रकाश, सास फूला देवी, देवर राज रंग, और ननद प्रीति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। मांट थाने के प्रभारी निरीक्षक राजीत वर्मा ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
पीड़िता की व्यथा
सुमन ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद ही उसके ससुराल वालों ने दहेज की मांग शुरू कर दी थी, जो समय के साथ और बढ़ती चली गई। दहेज न लाने पर उसे और उसकी बेटी को लगातार प्रताड़ित किया जाता था। अब सुमन अपने मायके में रह रही है और न्याय की उम्मीद कर रही है। पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर लिए जाने के बाद, अब पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद है।
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