वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर देगा बुर्ज खलीफा को टक्‍कर : श्रद्धालु कर सकेंगे देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन, 166 मंजिलों वाला भव्य मंदिर

श्रद्धालु कर सकेंगे देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन, 166 मंजिलों वाला भव्य मंदिर
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Nov 18, 2024 16:31

भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा के वृंदावन में एक और भव्य मंदिर, चंद्रोदय मंदिर, का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Nov 18, 2024 16:31

Mathura News : अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन उत्तर प्रदेश में विशाल मंदिरों के निर्माण का सिलसिला थमा नहीं है। भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा के वृंदावन में एक और भव्य मंदिर, चंद्रोदय मंदिर, का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह मंदिर न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। इसे दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में शामिल किया जाएगा, और इसकी भव्यता और आकर्षण देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण होगा।

बुर्ज खलीफा को टक्‍कर देने वाला मंदिर
वृंदावन में बन रहा चंद्रोदय मंदिर अपनी ऊंचाई और भव्यता के कारण दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शामिल बुर्ज खलीफा को टक्कर देगा। इस मंदिर की ऊंचाई करीब 700 फुट होगी, जो दिल्ली की कुतुब मीनार से तीन गुना अधिक है। इसकी नींव की गहराई भी बुर्ज खलीफा से तीन गुना ज्यादा है, जो इसे न केवल ऊंचाई बल्कि मजबूती में भी खास बनाती है। इस मंदिर के शीर्ष पर खड़े होकर ताजमहल के नज़ारे भी देखे जा सकेंगे, जो इसे एक अनोखा धार्मिक और पर्यटन स्थल बना देगा।

166 मंजिलों वाला भव्य मंदिर
चंद्रोदय मंदिर का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) करवा रहा है। इस मंदिर की आधारशिला 16 नवंबर 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रखी थी। मंदिर में कुल 166 मंजिलें होंगी, जो इसे दुनिया के किसी भी अन्य मंदिर से अलग बनाती हैं। इस मंदिर का आकार एक पिरामिड की तरह होगा और इसकी सबसे ऊंची मंजिल का नाम 'ब्रज मंडल दर्शन' रखा गया है। इस ऊंची मंजिल से आसपास के प्रमुख धार्मिक स्थलों और मथुरा के हरे-भरे वनक्षेत्रों का अद्भुत दृश्य देखा जा सकेगा।



आधुनिकता और धार्मिकता का संगम
चंद्रोदय मंदिर का निर्माण लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक और पारंपरिक धार्मिक वास्तुकला का संगम देखने को मिलेगा। इस मंदिर में 4D तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो इसे अब तक का सबसे आधुनिक मंदिर बनाता है। यहां श्रद्धालु देवलोक और भगवान श्रीकृष्ण की लीला स्थलों का अनुभव कर सकेंगे। इसके अलावा मंदिर परिसर में एक लाइब्रेरी भी होगी, जहां श्रीकृष्ण की जीवन गाथा से जुड़ी जानकारी मिलेगी। यहां पर एक कृष्ण थीम पार्क भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।

सुरक्षा और मजबूती के खास इंतजाम
मंदिर की संरचना इतनी मजबूत है कि यह 8 रिक्टर स्केल के भूकंप को भी सहन कर सकेगा। इसके अलावा, इसको इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 170 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाले तूफान का भी इस पर कोई असर न हो। मंदिर का क्षेत्रफल 70 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें हेलीपैड और कार पार्किंग की भी सुविधा होगी। पूरे मंदिर में कुल 511 पिलर हैं, जो इसके भव्य आकार और मजबूती को बनाए रखने में मदद करेंगे। मंदिर का भ्रमण करने में एक व्यक्ति को तीन से चार दिन का समय लग सकता है।

धार्मिकता का अनोखा अनुभव
चंद्रोदय मंदिर धार्मिक अनुभव को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है। यहां एक साथ 10 हजार श्रद्धालु इकट्ठा हो सकते हैं। मंदिर के चारों ओर श्रीमद्भागवत और अन्य शास्त्रों में वर्णित 12 वन बनाए जा रहे हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेंगे। इस मंदिर की भव्यता और आधुनिकता, इसे भविष्य में एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगी।

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