पुलिस की नाकामी से बेरहम हो गया अलीगढ़ : भीड़ ने घेरकर मार डाला, अब लग रहे तरह-तरह के आरोप

भीड़ ने घेरकर मार डाला, अब लग रहे तरह-तरह के आरोप
UPT | मामू भांजा हत्याकांड

Jun 20, 2024 12:47

अलीगढ़ के मामू भांजा हत्याकांड के बाद शहर में एक अशांति की स्थिति पैदा हो गई है। इस हत्याकांड ने सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील इलाके को व्याप्त कर दिया...

Jun 20, 2024 12:47

Aligarh News : अलीगढ़ के मामू भांजा हत्याकांड के बाद शहर में एक अशांति की स्थिति पैदा हो गई है। इस हत्याकांड ने सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील इलाके को व्याप्त कर दिया है। जिसे पहले अमन और सौहार्द का प्रतीत होने का आभास था। यह घटना इस शहर के लोगों के भीतर एक डरावना माहौल छोड़ गई है। 2017 के बाद से अलीगढ़ में शांति का माहौल बन हो रहा था, लेकिन मंगलवार रात को हुए इस हात्या के बाद पुलिस के खुफिया तंत्र पर सवाल उठे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस घटना को रोकने या प्राथमिक जानकारी प्राप्त करने में पुलिस क्यों विफल रही।


वो मिन्नतें करता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुना
बुधवार की सुबह से सोशल मीडिया पर एक घटना के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें एक युवक को लोगों द्वारा पीटा जा रहा है। पहले वीडियो में जो लगभग दो मिनट और 18 सेकंड का है, दिखाया गया है कि एक युवक औरंगजेब नामक व्यक्ति को कपड़ा व्यापारी के घर के सामने स्थित चौक में पंद्रह-सोलह लोगों द्वारा घेरा गया है। ये लोग उसे हाथ में डंडे लेकर पीट रहे हैं। इस दौरान पीड़ित भीड़ से मिन्नत कर रहा था, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। इस घटना का वीडियो इस चौक में रहने वाले व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन से कैमरा लेकर बनाया है। इसके कुछ घंटे बाद ही दूसरा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें वही युवक अब बजरी के ढेर पर बैठा हुआ है। उसे उसके साथियों द्वारा पूछा जा रहा है कि उनके नाम क्या हैं और उन्होंने उसे पीटा क्यों। उनके हाथ में डंडा लगा है। वह कहते हैं कि इसके घुटने तोड़ दो। वह अपने साथियों में से एक का नाम सलमान निवासी ऊपरकोट बताता है। वह बताता है कि पहले भी मंगल के दिन रेकी करने आए थे। यह युवक दावा करता है कि उसे किसी ने घर का पता बताया नहीं था और उसे लोगों के डर से भागना पड़ा था।

घरों पर लगे पलायन के पोस्टर
मंगलवार रात को हुई हत्या के बाद बुधवार को कुछ लोगों ने हत्या के आरोपी पक्ष के घरों पर पलायन के बोर्ड लगा दिए। यह इलाका मिश्रित आबादी वाला और संवेदनशील माना जाता है। पोस्टर लगाने वालों का कहना था कि उनकी संख्या कम होने के कारण इस इलाके में रहना मुश्किल हो रहा है। खासकर हर दिन चोरी और अन्य अपराधिक घटनाओं की वजह से। पलायन के पोस्टर लगने के बाद दोपहर में जब पुलिस अधिकारी आए और लोगों को समझाया तो सभी पोस्टर हटा दिए गए। इस घटना में हत्यारोपी पक्ष द्वारा दी गई लूटपाट और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत के बारे में भी बताया गया है। हत्या के पीड़ित परिवार द्वारा एक महिला की ओर से पुलिस को भेजी गई तहरीर में मृतक के अलावा दो और नाम भी उल्लिखित हैं, जिन्होंने एक वीडियो में अपने आरोपों की बात की थी। इसमें एक पड़ोसी टेलर भी शामिल हैं।

पुलिस की नाकामी से थहर में घटी ये घटना
मंगलवार रात के घटनाक्रम के बाद शहर में अब से पहले उत्कृष्ट अमन और सामाजिक सद्भाव की वापसी का सवाल उठ रहा है। इस बारे में पुलिस के खुफिया तंत्र पर भी सवाल उठे हैं। दरअसल शहर का इतिहास भी सांप्रदायिक दृष्टि से प्रमुख शहरों में सम्मिलित है। जिन्हें सामाजिक एवं धार्मिक संवेदना वाले शहरों में गिना जाता है। लेकिन 2017 के बाद की सीएए-एनआरसी की घटना ने सामाजिक और सिस्टमिक संरक्षा को चुनौती दी। इस घटना के बाद शहर में तनाव लंबे समय तक बना रहा। जिसमें पुलिस की एक्शन प्लानिंग और संवेदनशीलता पर सवाल उठे थे। इसके बाद अब मंगलवार की रात हुए घटनाक्रम के बाद पुलिस ने एक पक्ष को मैनेज करने में प्रयास किया, लेकिन कानूनी व्यवस्था में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। गिरफ्तारी तो हुई लेकिन उसकी प्रतिक्रिया और सामाजिक संपर्क कमजोर रहा। पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी अपने चहेतों के माध्यम से इस दिशा में इनपुट जुटाने में कमजोर प्रतिरोध दिखा पाए।

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