एएमयू प्रोफेसर की अनोखी खोज : दिव्यांगों के लिए विशेष साइकिल का डिजाइन तैयार, जानें पेटेंटमैन के आठवें पेटेंट के बारे में

दिव्यांगों के लिए विशेष साइकिल का डिजाइन तैयार,  जानें पेटेंटमैन के आठवें पेटेंट के बारे में
UPT | इंजी. शमशाद अली के द्वारा तैयार साइकिल का डिजाइन

Sep 20, 2024 23:52

एसोसिएट प्रोफेसर इंजी. शमशाद अली ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक विशेष साइकिल डिजाइन की है, जो उन्हें साइकिल चलाने का सपना पूरा करने में मदद करेगी...

Sep 20, 2024 23:52

Short Highlights
  • एएमयू के प्रोफेसर ने तैयार की विशेष साइकिल का डिजाइन
  • इस साइकिल का इस्तेमाल दिव्यांगजन भी कर सकेंगे
  • शमशाद अली 'पेटेंटमैन' नाम से जाने जाते हैं
Aligarh News : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पॉलिटेक्निक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर इंजी. शमशाद अली ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक विशेष साइकिल डिजाइन की है, जो उन्हें साइकिल चलाने का सपना पूरा करने में मदद करेगी। इस नए मॉडल की खासियत यह है कि दिव्यांग व्यक्ति बिना किसी डर और गिरे साइकिल चला सकेंगे। उनकी इस खोज, जिसका नाम "बाइक फॉर फिजिकली चैलेंज्ड पीपल" है, को हाल ही में पेटेंट भी प्राप्त हुआ है।

अब तक आठ पेटेंट हासिल किए
इंजी. शमशाद ने अब तक 24 साल की उम्र में आठ पेटेंट हासिल किए हैं और उन्हें यूनिवर्सिटी में "पेटेंटमैन" के नाम से जाना जाता है। उनका पहला पेटेंट वर्ष 2000 में सिंगल सिलिंडर, डबल एक्टिंग सबमर्सिबल पंप पर मिला था। अब वह अपनी नई खोज, इलेक्ट्रो मैकेनिकल जूसर मिक्सर ग्राइंडर, को व्यावसायिक क्षेत्र में लाने की तैयारी कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने पहले एक प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इंजी. शमशाद ने यह भी जानकारी दी कि उनके पास दो और खोजें हैं, जिनके पेटेंट जल्द ही मिलने की संभावना है। 



शमशाद अली के 8 पेटेंट
  1. इंजी. शमशाद अली के द्वारा प्राप्त पेटेंट में से पहला है "सिंगल सिलिंडर, डबल एक्टिंग: सबमर्सिबल पंप," जिसे साल 2000 में पेटेंट किया गया। इस पंप की विशेषता यह है कि इसका हैंडल नीचे ले जाने पर पानी बाहर आता है, जबकि ऊपर ले जाने पर नहीं। इस डिज़ाइन की मदद से हैंडपंप का हत्था ऊपर-नीचे करने पर पानी का प्रवाह आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
  2. दूसरा पेटेंट "ए मैकेनिकल रीजनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम फॉर ए व्हीकल" है, जो साल 2000 में मिला। इस सिस्टम का उद्देश्य जब वाहन पर ब्रेक लगाया जाता है, तो ऊर्जा को बचाना है। इससे वाहन की गति को नियंत्रित करने के दौरान कुछ ऊर्जा पुनः प्राप्त की जा सकती है, जो पारंपरिक ब्रेकिंग सिस्टम में खो जाती है।
  3. साल 2010 में, उन्होंने "इलेक्ट्रो मैकेनिकल जूसर मिक्सर ग्राइंडर" पर पेटेंट हासिल किया। इस मशीन का मुख्य लाभ यह है कि अगर बिजली चली जाती है, तो भी उपयोगकर्ता इसे मैन्युअल रूप से चला सकते हैं। यह सुविधाजनक डिजाइन उपयोगकर्ताओं को निरंतरता और सुविधा प्रदान करता है, खासकर आपात स्थितियों में।
  4. साल 2011 में, शमशाद अली ने "कंपाउंड लीवर हैंडल फॉर हैंडपंप" का पेटेंट कराया। इस हैंडल की मदद से उपयोगकर्ता बहुत कम बल से हैंडपंप का हत्था चला सकते हैं, जिससे पानी निकालने की प्रक्रिया आसान और अधिक सहज हो जाती है। यह डिज़ाइन शारीरिक मेहनत को कम करने में सहायक है।
  5. इसके बाद साल 2022 में, उन्होंने "ऑटोमैटिक कैरिज स्टॉपर फॉर कन्वेशनल लेथ मशीन" का पेटेंट प्राप्त किया। यह प्रणाली मशीन की स्थिति को स्वचालित रूप से तय करती है और जब मशीन अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचती है, तो यह अपने आप बंद हो जाती है। इस तरह, एक श्रमिक कई मशीनों को एक साथ संचालित कर सकता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी कम होता है।
  6. इसी वर्ष में, उन्होंने "क्रिकेट बैट विद हैंडल ऑफ वैरिग लेंथ" का पेटेंट लिया। यह बैट खेल के अनुसार हैंडल की लंबाई को बदलने की अनुमति देता है, जिससे खिलाड़ी हवाई और मैदानी शॉट्स के लिए आदर्श बैट का उपयोग कर सकते हैं।
  7. शमशाद अली का "एक्सराइज इंटीग्रेटेड विद ग्राइंडर एंड जनरेटर" पेटेंट भी 2022 में मिला। इस डिज़ाइन की मदद से, उपयोगकर्ता साइकिल चलाते समय व्यायाम कर सकते हैं और साथ ही मसाला पीसने के लिए बिजली भी उत्पन्न कर सकते हैं। यह एक अभिनव तरीका है जो फिटनेस और उत्पादकता को जोड़ता है।
  8. इसमें सबसे हालिया पेटेंट, "बाईसाइकिल फॉर फिजिकली चैलेंज्ड पीपल," 2023 में मिला। इस विशेष साइकिल का डिज़ाइन दिव्यांग व्यक्तियों को गिरने के डर के बिना साइकिल चलाने की सुविधा देता है। जब ब्रेक लगाया जाता है, तो दोनों तरफ छोटे पहियानुमा स्टैंड नीचे आ जाते हैं, जिससे संतुलन बना रहता है। यह खोज दिव्यांग समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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