कल्याण सिंह जयंती : बाबूजी के पैतृक गांव मढ़ौली में जश्न, भाजपा कार्यालय पर श्रद्धा और सादगी से आयोजित किए गए कार्यक्रम

बाबूजी के पैतृक गांव मढ़ौली में जश्न, भाजपा कार्यालय पर श्रद्धा और सादगी से आयोजित किए गए कार्यक्रम
UPT | स्वर्गीय कल्याण सिंह की जयंती मनाई गई

Jan 05, 2024 20:03

कल्याण सिंह की जयंती पर उनके पैतृक गांव मढ़ौली में जश्न मनाया गया। भाजपा कार्यालय पर उनके चित्र पर माला अर्पण कर एवं हवन यज्ञ करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

Jan 05, 2024 20:03

Aligarh News : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय कल्याण सिंह की जयंती पूरे भारत में मनाई गई। उनके पैतृक गांव मढ़ौली में जश्न मनाया गया। भाजपा कार्यालय पर उनके चित्र पर माला अर्पण कर एवं हवन यज्ञ करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और यज्ञ के पश्चात खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल की कुर्सी पर विराजमान रहे स्वर्गीय कल्याण सिंह का जन्म वर्ष 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील के गांव मढ़ौली गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था और बाबूजी बचपन से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में जाते थे साथ ही उच्च शिक्षा हासिल कर अतरौली के एक इंटर कॉलेज में अध्यापक बने।इसके बाद 1967 में पहली बार अतरौली से विधायक बने और 1980 तक लगातार जीते। इसके अलावा आपातकाल में 21 महीने तक अलीगढ़ व बनारस की जेल में रहे।वहीं जनसंघ से भाजपा के गठन के बाद प्रदेश संगठन महामंत्री व प्रदेशाध्यक्ष तक बनाए गए। इस दौरान उन्होंने गांव-गांव घूमकर भाजपा की जड़ें मजबूत कीं जो अब विशाल वट वृक्ष बन चुकी इस पार्टी को कल्याण सिंह व उनके सहयोगियों ने ही शुरुआती दिनों में सींचा था।जब देश में भाजपा का उभार हुआ तो 1991 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो वे मुख्यमंत्री बने। वहीं आपको बता दें कल्याण सिंह एक ऐसे नेता थे। जिन्होंने छह दिसंबर को अयोध्या में 1992 के ढांचा विध्वंस की घटना के बाद पूरी जिम्मेदारी लेते हुए अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी त्याग दिया था। उन्होंने देश की राजनीति में एक अलग मुकाम विस्थापित किया था। तभी तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पैतृक गांव मढ़ौली में महिलाएं और बच्चे भी उनको याद करते हुए अपने आप पर गर्व महसूस करते हैं।
इधर कल्याण सिंह की जयंती के मौके पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में महापौर प्रशांत सिंघल ने कहा कि ये सौभाग्य का विषय है कि जिस राम राज्य की परिकल्पना बाबूजी ने की थी वो रामराज्य का सपना आज हमारे सामने प्रत्यक्ष रूप से साकार हो रहा है और आज प्रदेश में ही नहीं अपितु पूरे देश में रामनाम की लहर है। 
महानगर अध्यक्ष विवेक सारस्वत और संजय गोयल ने कहा कि राममंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे और दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे रामभक्त स्व.बाबूजी कल्याण सिंह का सारा जीवन संघर्षों भरा रहा है और दो बार सूबे के मुख्यमंत्री बने देश की राजनीति में हिंदुत्व के नायक का खिताब उन्हे मिला था और बाबूजी ने कभी भी पद पर बने रहने के लिए उसूलों से समझौता नही किया और न ही राजनीति में सौदा किया।एक इंटर कॉलेज के शिक्षक से लेकर सूबे के मुख्यमंत्री व राज्यपाल तक के कांटो भरे संघर्षों के कारण वे हिंदू हृदय सम्राट कहलाए।

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