हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल में 22 सितंबर को कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या का आरोपी कक्षा आठ का छात्र निकला। उसने स्कूल बंद कराने के लिए अपराध किया क्योंकि पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता था। पुलिस पूछताछ में उसने यह खुलासा किया।
स्कूल की छुट्टी कराने के लिए ली थी कक्षा दो के छात्र की जान : हाथरस के कृतार्थ हत्याकांड का खुलासा, 8वीं के छात्र ने कबूला जुर्म
Dec 26, 2024 14:28
Dec 26, 2024 14:28
आरोपी का चौंकाने वाला कबूलनामा
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने एक वीडियो देखा था जिसमें एक छात्र की मौत के बाद स्कूल कई दिनों के लिए बंद हो गया था। यह देखकर उसके मन में विचार आया कि वह भी किसी छात्र को मारकर स्कूल बंद करवा सकता है। उसने बताया, "मेरा स्कूल में बिल्कुल मन नहीं लग रहा था। मैंने सोचा, किसी छोटे बच्चे का गला दबा दूंगा तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और वह शोर भी नहीं मचाएगा।"
हत्या की पूरी वारदात
22 सितंबर की रात आरोपी ने योजना बनाकर कृतार्थ की हत्या की। हॉस्टल के हॉल में जब सभी बच्चे सो रहे थे, तब उसने कृतार्थ के गले में अंगोछा कसकर उसे मार डाला। घटना के बाद आरोपी अपने बिस्तर पर जाकर सो गया।
हत्या के बाद की कार्रवाई
23 सितंबर को कृतार्थ का शव स्कूल प्रबंधक की गाड़ी में सादाबाद के चौराहे पर मिला। शुरुआती जांच में तंत्र-मंत्र के लिए हत्या का संदेह जताया गया था। पुलिस ने प्रबंधक और अन्य चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन 16 दिसंबर को मामले ने नया मोड़ लिया, जब पुलिस ने कक्षा आठ के छात्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए पकड़ लिया।
चार्जशीट का खुलासा
23 दिसंबर को पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आरोपी छात्र को घटना का मुख्य दोषी ठहराया गया। इसके साथ ही, प्रबंधक और अन्य चार गिरफ्तार आरोपियों पर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया।
घटनाक्रम एक नजर में
- 23 सितंबर: कृतार्थ का शव प्रबंधक की गाड़ी में मिला।
- 24 सितंबर: पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या की पुष्टि।
- 26 सितंबर: प्रबंधक और चार अन्य को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- 16 दिसंबर: कक्षा आठ के छात्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया गया।
- 23 दिसंबर: पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया।
- 24 दिसंबर: गिरफ्तार आरोपियों को जमानत मिली।
- आरोपी का मानसिक प्रभाव और परिवार का बयान
आरोपी ने कबूल किया कि वह स्कूल में शुरू से ही असहज महसूस कर रहा था। उसका घर लौटने का मन करता था, लेकिन वह ऐसा कर नहीं सका। इस मानसिक तनाव ने उसे इस अपराध की ओर धकेल दिया।
अधिवक्ता का बयान
गिरफ्तार आरोपियों के वकील पार्थ गौतम ने पुलिस की चार्जशीट को चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने दावा किया कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं और पुलिस को इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए थी। कृतार्थ हत्याकांड ने शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह घटना बताती है कि बच्चों के मनोभाव और मानसिक स्थिति को समझना और संभालना कितना जरूरी है। साथ ही, स्कूल प्रबंधन और प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के लिए हॉस्टल का माहौल सुरक्षित और प्रेरणादायक हो।
ये भी पढ़े : गोवा में डूबते-डूबते बचे यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया : IPS अधिकारी ने बचाई जान, कहा- तैरते वक्त आई मौत सामने
Also Read
26 Dec 2024 08:28 PM
हाथरस जिले में एटा रोड पर गांव फुलरई मुगलगढ़ी के पास आज शाम एक भीषण सड़क हादसा हो गया। जहां एक तेज रफ्तार डंपर ने तीन बाइक सवारों को रौंद दिया... और पढ़ें