आगरा में मेट्रो टनल निर्माण से मकानों में दरारें : ​​​​​​​मंडलायुक्त ने किया निरीक्षण, कैबिनेट मंत्री ने दिए पीड़ितों को राहत के निर्देश

UPT | मेट्रो टनल निर्माण से स्थानीय लोगों में नाराजगी

Nov 28, 2024 19:46

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा आगरा में हो रहे विकास कार्यों के तहत एसएन मेडिकल कॉलेज और बाबा मनकेश्वर नाथ मेट्रो स्टेशन के बीच बनाई जा रही टनल के कारण मकानों में दरारें आना एक बड़ा मुद्दा बन गया...

Agra News : उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा आगरा में हो रहे विकास कार्यों के तहत एसएन मेडिकल कॉलेज और बाबा मनकेश्वर नाथ मेट्रो स्टेशन के बीच बनाई जा रही टनल के कारण मकानों में दरारें आना एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने हाल ही में निरीक्षण किया और डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी तथा मेट्रो अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए थे कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत प्रदान की जाए। हालांकि, यह मामला बढ़ता गया और पीड़ितों की समस्याओं को उत्तर प्रदेश टाइम्स लगातार उजागर करता रहा। अब एसएन मेडिकल कॉलेज के पास स्थित मोती कटरा और उसके आस-पास के क्षेत्रों में मकानों में आई दरारों का मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस पर मंडलायुक्त रितु महेश्वरी ने नगर निगम, तहसील प्रशासन और मेट्रो अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
मेट्रो टनल निर्माण से स्थानीय लोगों में नाराजगी
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा एसएन मेडिकल कॉलेज और बाबा मनकामेश्वर नाथ मेट्रो स्टेशन के बीच बनाई जा रही अंडरग्राउंड टनल के कारण मोती कटरा और उसके आसपास के क्षेत्रों में मकानों में दरारें आना स्थानीय लोगों के बीच नाराजगी का कारण बन गया है। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई है जब जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने मेट्रो अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर लोगों को राहत देने का आश्वासन दिया था। हालांकि, मोती कटरा क्षेत्र से जुड़ा यह मामला उत्तर प्रदेश टाइम्स द्वारा प्रमुखता से उठाया गया, जिसके बाद स्थिति और गंभीर हो गई। अब इस मुद्दे में खुद डिवीजनल कमिश्नर रितु महेश्वरी भी शामिल हो गई हैं और मामले का समाधान निकालने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।



मंडल आयुक्त के पास भीड़ हुई जमा
मेट्रो की टनल निर्माण के कारण मोती कटरा का मामला और अधिक तूल पकड़ने पर मंडल आयुक्त को गुरुवार को निरीक्षण के लिए मौके पर आना पड़ा। जैसे ही स्थानीय लोगों को जानकारी मिली कि डिवीजनल कमिश्नर रितु माहेश्वरी निरीक्षण के लिए पहुंची हैं, तो पीड़ितों की भीड़ जमा हो गई। मंडल आयुक्त अपने दल के साथ निरीक्षण के लिए पहुंची थीं, जिसमें नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, मेट्रो के अधिकारी, कार्यदायी संस्था के अधिकारी और सदर तहसील से जुड़े अधिकारी भी मौजूद थे।

डिवीजनल कमिश्नर ने दिए निर्देश
निरीक्षण के दौरान डिवीजनल कमिश्नर ने क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत कार्य की गुणवत्ता को सही नहीं पाए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने परियोजना निदेशक मेट्रो को निर्देश दिए कि टनल निर्माण के कारण जो मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी मरम्मत गुणवत्तापूर्ण और मानक के अनुसार की जाए, ताकि मकान पूर्व स्थिति में लौट आए और भवन मालिक पूरी तरह संतुष्ट हों। उन्होंने एसडीएम (सदर) को यह निर्देश भी दिए कि पार्षद के माध्यम से सभी क्षतिग्रस्त मकानों की सूची प्राप्त की जाए, और नगर निगम तथा मेट्रो कारपोरेशन अधिकारियों के साथ इन मकानों का वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ पुनः सर्वे कराया जाए। साथ ही, मेट्रो कारपोरेशन द्वारा पहले की गई वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के आधार पर नुकसान का आकलन किया जाए।

मरम्मत के बाद रंगाई-पुताई भी होगी
मंडल आयुक्त ने नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को यह भी निर्देश दिए कि मेट्रो टनल निर्माण के कारण सीवरेज और पानी की व्यवस्था में जो नुकसान हुआ है, उसे सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने परियोजना निदेशक मेट्रो कारपोरेशन को निर्देश दिया कि क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के बाद उनमें सफेदी और रंगाई-पुताई भी कराई जाए, और मरम्मत की गुणवत्ता की जांच के लिए आईआईटी रुड़की से पुनः सर्वे कराकर रिपोर्ट प्राप्त की जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मरम्मत और रंगाई-पुताई का कार्य भवन स्वामियों की सहमति से पूरा किया जाए और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। भवन स्वामियों के संतुष्ट होने पर ही मकान उन्हें सौंपे जाएं।

क्या बोले मकान मालिक
निरीक्षण के दौरान मंडल आयुक्त ने रजनी यादव, कमल जैन और गौरव शर्मा जैसे भवन मालिकों के मकानों का दौरा किया और क्षति का अवलोकन किया। भवन मालिकों ने बताया कि मेट्रो कारपोरेशन के टनल निर्माण के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ है। इस पर मंडल आयुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया कि मेट्रो कारपोरेशन के माध्यम से उनके मकानों में हुई क्षति की भरपाई की जाएगी और मकान पहले की तरह ठीक किए जाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने पानी और सीवर की समस्याओं को लेकर नगर निगम को भी दिशा-निर्देश दिए।

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