जिंदा किसान को दस्तावेजों में मृत दिखाकर जमीन हड़पने की साजिश : तीन बीघा जमीन दूसरे के नाम की, जानें कैसे हुआ खुलासा 

UPT | डीएम कार्यालय पहुंचे पीड़ित।

Jan 07, 2025 18:42

राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार और घोटालों की घटनाएं आम होती जा रही हैं। मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र में एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां गांव फ्रेंचरी के सुखराम की तीन बीघा जमीन को दस्तावेजों में उन्हें मृत दिखाकर हड़पने की कोशिश की गई।

Mathura News : राजस्व विभाग में हेराफेरी और घोटालों के मामले अक्सर सामने आते हैं, लेकिन गोवर्धन क्षेत्र में एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला उजागर हुआ है, जिसमें एक जिंदा किसान को दस्तावेजों में मृत दिखाकर उसकी जमीन हड़पने की साजिश रची गई।
गोवर्धन क्षेत्र के गांव फ्रेंचरी निवासी सुखराम की तीन बीघा जमीन को राजस्व विभाग के दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया और उसकी जमीन का मालिकाना हक हाथरस के खजान सिंह के नाम दर्ज कर दिया गया। जब सुखराम ने अपनी जमीन के दस्तावेज तहसील से निकलवाए तो खुद को मृत घोषित देखकर वह स्तब्ध रह गए।



जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे पीड़ित किसान
सुखराम ने मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपनी समस्या बताई। उन्होंने कहा, मैं जीवित हूं लेकिन दस्तावेजों में मुझे मृत दिखाकर मेरी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। सुखराम के अनुसार उनकी जमीन गोवर्धन क्षेत्र के सकना गांव में है। खतौनी में उनके वारिस की जगह खजान सिंह का नाम दर्ज कर दिया गया है।

लेखपाल पर गंभीर आरोप
सुखराम ने इस हेराफेरी का आरोप क्षेत्र के लेखपाल पर लगाया है। उन्होंने बताया कि जब लेखपाल से इस गड़बड़ी के बारे में पूछा गया तो उसने मामले को टालने का प्रयास किया और संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। 

ग्रामीणों का समर्थन
गांव के दर्जनों लोगों ने भी सुखराम के जिंदा होने की पुष्टि की और जिलाधिकारी को इस गंभीर मामले से अवगत कराया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही का नतीजा है जिसमें किसानों को उनकी जमीनों से वंचित करने की साजिशें होती हैं।

डीएम ने दिया जांच का आश्वासन
जिलाधिकारी ने पीड़ित किसान और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

किसान के परिवार पर संकट
इस घटना से सुखराम और उनका परिवार मानसिक तनाव में है। तीन बीघा जमीन उनके परिवार की जीविका का मुख्य स्रोत है। अगर यह गड़बड़ी समय रहते नहीं सुधारी गई, तो उनके परिवार को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।

राजस्व विभाग में सुधार की जरूरत
यह घटना न केवल एक व्यक्ति के साथ हुई अन्याय की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राजस्व विभाग में सुधार की कितनी आवश्यकता है। किसानों को उनकी जमीनों के अधिकार से वंचित करने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर करना बेहद गंभीर अपराध है। इस घटना ने एक बार फिर से राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों की सुरक्षा और उनकी जमीनों पर अधिकार सुनिश्चित करने के लिए विभाग में पारदर्शिता और सख्त नियमों की जरूरत है। अगर समय रहते इस तरह के मामलों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह ग्रामीण इलाकों में न्याय और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।  

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